Jharkhand राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 33वीं बैठक आयोजित, आजीवन सजा काट रहे कैदियों की रिहाई पर विचार

Spread the love

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में Jharkhand राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 33वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई पर विचार किया गया।

बैठक में यह तय किया गया कि विशेष परिस्थितियों और अच्छे आचरण के आधार पर पात्र कैदियों की सजा में राहत दी जा सकती है।

Jharkhand News: बैठक के मुख्य बिंदु:

कैदियों की समयपूर्व रिहाई पर विचार – जेल में अच्छे आचरण वाले कैदियों को राहत देने पर चर्चा हुई।
मानवीय दृष्टिकोण – न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए जरूरतमंद और वृद्ध कैदियों की रिहाई पर सहमति बनी।
संवैधानिक नियमों का पालन – सभी निर्णय कानूनी प्रक्रिया और राज्य के नियमों के अनुरूप लिए जाएंगे।

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या कहा?

बैठक में बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा,
“सरकार का उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं, बल्कि पुनर्वास और सामाजिक सुधार को भी बढ़ावा देना है। जिन कैदियों ने अपनी सजा का अधिकांश हिस्सा अच्छे आचरण के साथ पूरा किया है, उनकी रिहाई पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार किया जाना चाहिए।”

यह भी पढ़े: बक्सर को मिली 476 करोड़ की सौगात, CM Nitish Kumar ने किया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और विकास योजनाओं का ऐलान

किन कैदियों को मिल सकती है राहत?

जो अपनी सजा का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर चुके हैं।
जिनका आचरण जेल में अनुकरणीय रहा है।
जो गंभीर अपराधों में लिप्त नहीं थे और सामाजिक पुनर्वास के योग्य हैं।

क्या होगा आगे?

राज्य सरकार अब संबंधित कैदियों की सूची तैयार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत अंतिम निर्णय लेगी। यह निर्णय झारखंड में सुधारात्मक न्याय प्रणाली को और मजबूत करेगा और जरूरतमंद कैदियों को समाज में पुनः स्थापित होने का अवसर देगा।

इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि झारखंड सरकार कठोर दंड के बजाय सुधारवादी नीतियों को अपनाते हुए एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के पक्ष में है।

यह भी पढ़े: Tejashwi Yadav की कार्यकर्ता संवाद यात्रा का अंतिम चरण 19 फरवरी से, नालंदा से करेंगे शुरुआत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *