दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में यूट्यूबर Elvish Yadav, कॉमेडियन भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिंबाचिया और कई अन्य सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरों को समन जारी किया है।
धोखाधड़ी का केंद्र HIBOX नामक मोबाइल ऐप
इस धोखाधड़ी का केंद्र हायबॉक्स (HIBOX) नामक मोबाइल ऐप था, जिसने लोगों को निवेश पर हर दिन 1% से 5% तक के गारंटीड रिटर्न का लालच दिया, जो महीनेभर में 30% से 90% तक बढ़ सकता था। इस ऐप के माध्यम से 30,000 से अधिक लोगों ने अपने पैसे निवेश किए थे, और शुरुआती महीनों में उन्हें अच्छा रिटर्न भी मिला।
Elvish Yadav News: इस मामले में 500 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं
हालांकि, जुलाई 2024 से, ऐप ने तकनीकी समस्याओं और जीएसटी संबंधित मुद्दों का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया। इसके बाद, कंपनी का मुख्य कार्यालय नोएडा में बंद हो गया और प्रमुख आरोपी शिवराम गायब हो गया। पुलिस ने शिवराम को गिरफ्तार कर लिया और उसके चार बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। इस मामले में 500 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, जिसमें निवेशकों ने दावा किया कि उन्हें धोखे में रखकर उनके पैसे निवेश कराए गए थे।
सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरों ने हायबॉक्स ऐप का प्रचार किया था
शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसरों ने हायबॉक्स ऐप का प्रचार किया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग इसमें निवेश करने लगे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
Elvish Yadav News: ऐप के जरिए की गई 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
दिल्ली पुलिस को हायबॉक्स ऐप के जरिए की गई 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अब तक 500 से अधिक शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि ऐप के माध्यम से लोगों से भारी निवेश करवाया गया और बाद में उन्हें ठगा गया।
इस मामले में नौ प्रमुख शिकायतें IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) को सौंपी गईं, जबकि अन्य शिकायतें पूर्वोत्तर जिले, बाहरी जिले, शाहदरा और NCRP (नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) के माध्यम से दर्ज की गईं।
जांच के दौरान पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए कई भुगतान गेटवे और बैंक खातों का ब्योरा इकट्ठा किया। लेन-देन के विश्लेषण से चार बैंक खातों की पहचान की गई, जिनका इस्तेमाल ठगी की गई रकम को निकालने के लिए किया गया था। इसके साथ ही, ईज़बज़ और फोनपे की भूमिका की भी जांच की जा रही है, क्योंकि इन कंपनियों के माध्यम से हायबॉक्स ऐप के बिजनेस खाते खोले गए थे।
आरबीआई के मानदंडों का उल्लंघन कर खाते खोले गए थे
पुलिस को संदेह है कि इन भुगतान गेटवे के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना यह धोखाधड़ी संभव नहीं होती, क्योंकि आरबीआई के मानदंडों का उल्लंघन कर खाते खोले गए थे। डीसीपी ने बताया कि इस मामले में ईज़बज़ और फोनपे के कर्मचारियों की संभावित संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता है और आगे की जांच जारी है।
यह मामला एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का उदाहरण है, जहां टेक्नोलॉजी और वित्तीय प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर हजारों लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। पुलिस अब सभी संबंधित पक्षों की भूमिका की गहन जांच कर रही है ताकि इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड को पूरी तरह से उजागर किया जा सके।