Patna: बिहार से प्रारंभ हुआ इंडिया एलाइंस दिल्ली पहुंचकर भी वहां गठबंधन की छत्रछाया से बाहर नहीं निकल पाया। इंडिया एलाइंस की कमान संभालने जा रही कांग्रेस को बिहार में अपनी सीटों के लिए राजद के सामने गुजारिश करनी पड़ रही है।
परंतु रिजल्ट 0 रहा। लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में कांग्रेस की जीती हुई इकलौती सीट पर की कांग्रेस की बात बन पाई। बाकी उसे राजद ने अपने अनुसार से दिया। पहले बेगूसराय लिया फिर औरंगाबाद उसके बाद पूर्णिया और अब वाल्मीकि नगर कटिहार भी राष्ट्रीय जनता दल के खाते में जाने की बात आ रही है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जिन प्रत्याशियों को आरजेडी का सिंबल दिया, उनसे लौटने को राजी नहीं हुए। अब दिल्ली में 11:00 आखिरी बैठक कर महागठबंधन बिहार में सीट बंटवारे का ऐलान कर देगा।
I.N.D.I.A: जहां राजद के पास प्रत्याशी नहीं, वहीं पर कांग्रेस को मिला मौका
बिहार प्रदेश कांग्रेस के भीतर अजीब सी बेचैनी दिख रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह जो इस वेल भले ही बोल रहे हैं, परंतु कहां या जा रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं रहने में उनकी बड़ी भूमिका है। उन्हें राज्यसभा बेचकर राजद ने कांग्रेस पर एक तरह से उपकार किया और कहा जा रहा है की सीट बंटवारे में भी उनके नाम पर भी कांग्रेस को कटौती का सामना करना पड़ रहा है। परंतु दिल्ली से अब तक मिल रही सूचनाओं को अगर आगे तो पहले बेगूसराय से कन्हैया कुमार की दावेदारी कटी।
उसके बाद औरंगाबाद से निखिल कुमार का भी पत्ता साफ हुआ। राजद ने बीमा भारती को अपनी पार्टी में शामिल करते समय ही टिकट दे दिया था। उन्हें कांग्रेस में नए-नए शामिल हुए पप्पू यादव की स्थान पूर्णिया के लिए हरी झंडी दी गई थी। वाल्मीकि नगर से भी राष्ट्रीय जनता दल के पास प्रत्याशी है जबकि वहां से पिछली बार कांग्रेस ने प्रत्याशी दिया था।
वाल्मीकि नगर के लिए कांग्रेस कोशिश कर रही है लेकिन इस हालत में उसे शायद तारीख अनवर की पसंदीदा कटिहार सीट से हाथ धोना पड़ सकता है। दोपहर तकयह तस्वीर भी साफ हो जाएगी क्योंकि आज पहले चरण में गया औरंगाबाद नवादा और जमुई से नामांकन का अंतिम दिन है।