Jamshedpur: Godi Media: कोल्हन यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन के सेमेस्टर 2 की परीक्षा में एक प्रश्न ने छात्रों को हैरान कर दिया।
इस मामले से जुड़े लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी
सेमेस्टर 2 के प्रश्न पत्र में तीसरे सवाल में पूछा गया था ‘गोदी मीडिया’ क्या है और गोदी मीडिया से क्या समझते हैं। इस मामले को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों के बीच आक्रोश है। इस मामले से जुड़े लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी। बताया जा रहा है कि इस प्रश्न ने छात्रों को कंफ्यूज कर दिया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह इस प्रश्न का क्या जवाब देंगे। एक परीक्षार्थी वरुण ने बताया कि मैं यह प्रश्न छोड़ दिया क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा था कि इसका क्या उत्तर लिखो।
ऐसे मीडिया जो सरकारों के पक्ष में रिपोर्ट पेश करती है वह गोदी मीडिया है
एक दूसरे छात्र राहुल ने कहा कि उन्होंने लिखा, ‘गोदी मीडिया हुआ है जो सरकार की गोद में है, चाहे वह केंद्र या राज्य सरकार की गोद में हो। ऐसे मीडिया जो सरकारों के पक्ष में रिपोर्ट पेश करती है वह गोदी मीडिया है।’ सोनाली पाठक ने कहा कि उन्होंने लिखा मीडिया जो सरकार के कंट्रोल में है और केवल उपलब्ध दिया ही गिनती है और गलतियों को चुप आती है वह गोदी मीडिया है।
Godi Media और शहरी नक्सलवाद
प्रश्न को लेकर विवाद बढ़ रहा है। वही कोल्हन यूनिवर्सिटी के रजिस्टर और दिन डॉक्टर राजेंद्र भारती ने कहा कि विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की तरफ से मंजूरी के पश्चात इस टॉपिक को सिलेबस में शामिल किया गया था। गोदी मीडिया और शहरी नक्सलवाद जैसे टॉपिक विभाग के अध्ययन बोर्ड की तरफ से विकसित और अनुशंसित किए गए थे। यह पिछले 1 वर्षों से पढ़ाया जा रहे हैं।
इलेक्टरल कैंपेन एंड इश्यू का फेक न्यूज़, राइज ऑफ़ गोदी मीडिया इनफ्लुएंस ओं इलेक्टरेट का विषय पहली दफा 2022 से 26 के सत्र में 4 वर्ष के अंडरग्रैजुएट पाठ्यक्रम के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत झारखंड के किसी यूनिवर्सिटी में लाया गया है। यह मामला तूल पकड़ रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कोल्हान के संगठन सचिव प्रताप सिंह ने कोल्हन यूनिवर्सिटी रजिस्टार के पास इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
वही कोल्हन यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर अजय चौधरी ने कहां की यह सवाल कोल्हन यूनिवर्सिटी और राज्य के अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया है। इस तरह के सवालों से बचा जा सकता था। ABVP कोलन विश्वविद्यालय के संगठन सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि रजिस्ट्रार ने हमें मामले को देखने और इसमें मौजूद लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। इस प्रश्न के पीछे राजनीति से प्रेरित कुछ प्रोफेसर है।