पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी Kalpana Soren का कहना है कि संविधान बदलने की सोच रखने वाली तानाशाही टैक्टर को पलामू लोकसभा क्षेत्र की जनता वोट की चोट से उत्तर देगी.
इस लोकसभा चुनाव में पलामू की जनता अपनी उसे प्रत्याशी को चुनेगी जो उनके हक अधिकार और उनकी बात संसद तक पहुंचाएगी. मैं जनता से अपील करती हूं कि 13 में के दिन ममता जी को अपना आशीर्वाद देकर इंडिया गठबंधन को और भी मजबूत करें. पलामू के चिनिया प्रखंड में शनिवार को वह राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी ममता भुइयां के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रही थी.
जनता ने बहू और बेटी को स्वीकार कर लिया है: Kalpana Soren
कल्पना सोरेन ने बताया कि पलामू की बहू और बेटी को जनता ने स्वीकार कर लिया है और इस बार पलामू इंडिया को चुन रहा है. जनसैलाब ऐसा दिख रहा है कि यह छाप ऐसा होना चाहिए कि यह कभी ना मिटे…. आपके सांसद ने यहां अपना मुंह भी नहीं दिखाया.
परंतु आपकी बेटी आपके पास रहेगी. जुमले वाली सरकार को अब करारा जवाब देना है. जो एमपी बने हैं उन्होंने आपकी आशाओं और आकांक्षाओं को बर्बाद किया है. हेमंत जी को भी इन लोगों ने साजिश करके जेल भेजा है. इन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर खेल खेला है.
अपना हक मांगने पर हेमंत जी को जेल भेज दिया: Kalpana Soren
कल्पना सूर्य ने बताया कि हेमंत सोरेन ने जब अपनी एक लाख 26000 करोड़ के राजस्व की मांग की तो इन लोगों को पीड़ा हुई एवं उन्हें जेल भेज दिया. 20 सालों से भारतीय जनता पार्टी ने शासन किया है परंतु आज झारखंड का हाल जैसे का तैसा ही है. केंद्र की सरकार जब हमारे झारखंड का पैसा रोककर दूसरे राज्यों को दे देते हैं.
हरा कार्ड केंद्र सरकार से कटवा दिया अब वह आवास 20 लाख लोगों को दिया जाएगा पेंशन के लिए लोग तड़प रहे थे तो सर्वजन पेंशन योजना चलाई. छात्रवृत्ति के लिए जो कार्य किए हैं वह आज तक नहीं हुआ.
जनसभा को संबोधित करने के पश्चात किया ट्वीट
कल्पना सोरेन ने पलामू में जनसभा को संबोधित करने के पश्चात एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने लिखा है के मानगढ़ देवी की पावन धरती गढ़वा में आज पलामू लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल की प्रत्याशी ममता भुइयां जी के चुनावी कार्यक्रम में सम्मिलित हुई. भारतीय जनता पार्टी ने 20 वर्षों तक पलामू प्रमंडल को संसाधनों एवं मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा था.
हेमंत जी ने पलामू प्रमंडल समेत प्रदेश के लिए कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को चलाया तो डरकर तानाशाही ताकतों ने उन्हें जेल भेज दिया.
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