झारखंड के मंत्री Alamgir Alam ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज भवन को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के विधायक हैं।
आलमगीर आलम को हेमंत सोरेन के इस्तीफा के पश्चात चंपई सोरेन द्वारा नेतृत्व संभाले जाने के बाद दोबारा मंत्री पद दिया गया था। आलमगीर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी जांच कर रही है। परिवर्तन निदेशालय ने उन्हें इस मामले में 15 में को गिरफ्तार किया था।
आलमगीर आलम 6 दिनों के लिए एड के रिमांड में है। आलमगीर के वकील ने दावा किया है कि उनके विरुद्ध कोई खास आप नहीं है। उनके मामले में कोई प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं है। वकील ने न्यायालय में दावा किया कि एड उसे व्यक्ति का नाम नहीं बता रही है जिसने पैसा लिया या जिसने अपराध किया।
जिस जहांगीर नाम के व्यक्ति के घर से रुपए बरामद किए गए हैं, आलमगीर का उससे कोई संबंध नहीं है। जब परिवर्तन निदेशालय ने रिमांड की मांग की तो आलमगीर के वकील ने स्वास्थ्य का हवाला देकर इसका विरोध किया।
Alamgir Alam से आईडी ने दो दिन लगातार की पूछताछ
आलमगीर आलम से आईडी ने तकरीबन 6 घंटे पूछताछ की थी। इसके एक दिन पूर्व 9 घंटे पूछताछ चली थी। यह पूछताछ उनके ऑफिस में चली थी इसके पश्चात परिवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। आलमगीर उसे समय एड के रडार पर आए थे जब उनके निजी सचिव संजीव कुमार लाल को हिरासत में लिया गया था।
इसके अलावा ईडी ने संजीव कुमार के नौकर जहांगीर आलम को भी गिरफ्तार किया था। एड ने 6 में को उनसे जुड़े एक फ्लैट में छापेमारी की थी जिसमें ₹32 करोड रुपए बरामद किए गए थे।
आलमगीर से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के पश्चात गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के पश्चात झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन देखने को मिला था।