जम्मू-कश्मीर के Riyasi में रविवार शाम तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना के भयावह विवरण साझा किए हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आतंकियों ने कई मिनट तक बस पर गोलीबारी जारी रखी थी. एक जीवित व्यक्ति ने बताया कि कैसे बस पर 25 से 30 गोलियां चलाई गईं, जिससे बस खाई में गिर गई. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने लाल रंग के मफलर में एक नकाबपोश हमलावर को बस पर फायरिंग करते देखा था.
उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार जो जिला अस्पताल में भर्ती हैं ने बताया “मैं बस चालक के बगल में बैठा था और वाहन घने जंगलों से नीचे की ओर आ रहा था तभी मैंने देखा कि सेना जैसे कपड़े पहने और काले कपड़े से अपना चेहरा और सिर ढके एक व्यक्ति बस के सामने आया और अंधाधुंध गोलीबारी करने लगा.”
गोलीबारी में चालक को गोली लगी और बस खाई में गिर गई. हम खाई में असहाय अवस्था में थे लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने आकर हमारी मदद की. बाद में कुछ पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचे.”
Riyasi Terror Attack: अस्थायी ऑपरेशन मुख्यालय स्थापित
घटनास्थल पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ द्वारा एक संयुक्त सुरक्षा बल अस्थायी ऑपरेशन मुख्यालय स्थापित किया गया है और हमलावरों को खोजने के लिए एक बहुआयामी अभियान शुरू किया गया है. इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए रियासी और पड़ोसी राजौरी जिले से सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
यह घटना पाकिस्तान स्थित आतंकवादी तत्वों द्वारा जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने और आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लगातार खतरे को बताती है.
Riyasi Terror Attack: हमलावरों को नहीं बख्शा जाएगा- अमित शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीर्थयात्रियों पर हुए नृशंस आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा. रविवार को दूसरी बार केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद शाह ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कश्मीर के डीजीपी आर आर स्वैन से बात की और आतंकी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमले के बाद की स्थिति का जायजा लिया और उन्हें लगातार स्थिति की निगरानी रिपोर्ट दी जा रही है. सरकार और सुरक्षा बल इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को खोजने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
ग्राम रक्षा दल हैं अलर्ट पर- एसएसपी
रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया कि पुलिस आमतौर पर हाई अलर्ट पर रहती है और पिछले कई दिनों से आसपास के क्षेत्रों में लगातार गश्ती कर रही है. शिव खोरी मंदिर को भी पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया गया है. एसएसपी ने बताया “हमने ग्राम रक्षा गार्डों के लिए फायरिंग अभ्यास भी शुरू कर दिया है और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है.”
मृतकों में तीन महिलाएं
रियासी के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन जो बचाव एवं तलाशी अभियान का समन्वय करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे ने बताया कि मृतकों में तीन महिलाएं शामिल हैं. हमले के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. आतंकवादी हमले के खिलाफ कई समूहों ने रियासी सहित जम्मू संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
राजौरी और पुंछ जैसे पड़ोसी इलाकों की तुलना में रियासी जिला पहले आतंकवादी गतिविधियों से अपेक्षाकृत अछूता था. स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों की मदद करने लगे.
महबूबा और अब्दुल्ला ने निंदा की
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के गुलाम नबी आजाद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आतंकवादी हमले की निंदा की है.
पिछले तीन दशकों में यह दूसरी घटना
पिछले तीन दशकों में यह दूसरी बार है जब आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया है. इससे पहले जुलाई 2017 में कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की थी जिसमें सात तीर्थयात्री मारे गए थे और 19 अन्य घायल हो गए थे।इस प्रकार की घटनाएं दर्शाती हैं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन इन घटनाओं के बाद सतर्क हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.