रांची के गाड़ीगांव निवासी भूमि कारोबारी शेखर प्रसाद महतो उर्फ शेखर कुशवाहा को जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया और गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया.
कोर्ट के आदेश पर शेखर कुशवाहा को न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया है. ईडी ने कोर्ट से शेखर कुशवाहा को सात दिनों की रिमांड पर लेने के लिए आवेदन किया है जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
रिमांड पर शुक्रवार को सुनवाई
ED ने पीएमएलए कोर्ट में सौंपे गए रिमांड आवेदन में बताया है कि शेखर कुशवाहा ने भूमि घोटाला गिरोह के सदस्य सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रियरंजन सहाय, इरशाद अख्तर व अन्य के साथ मिलकर वर्ष 1940 की फर्जी डीड संख्या 3985 तैयार किया. इसके अलावा 1974 की डीड संख्या 3954 में भी जालसाजी की गई. गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन का जाली दस्तावेज तैयार कर उसकी प्रकृति सीएनटी से बदलकर जेनरल किया और उसकी खरीद-बिक्री भी की.
गुप्त राज से उठा पर्दा
ED ने अनुसंधान में पाया है कि बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन 37.10 एकड़ भूमि का हिस्सा है जिसे मंगल महतो व कैला महतो ने 1939 में डीड नंबर 2660 से कैथोलिक क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी से खरीदी थी.
इस जमीन का सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह ने बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, क्लर्क मनोज कुमार यादव व शेखर कुशवाहा के साथ मिलकर समरेंद्र चंद्र घोषाल के नाम पर जाली दस्तावेज तैयार किया.
इसके लिए शेखर कुशवाहा ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता के डीड सर्चर तापस घोष और कर्मचारी संजीत कुमार से ब्लैंक पेज उपलब्ध कराया. मूल दस्तावेज में भी छेड़छाड़ की गई जिससे भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ.