Bihar में लोकसभा चुनाव के परिणामस्वरूप तीन विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. इन विधायकों में जीतन राम मांझी, सुधाकर सिंह और सुदामा प्रसाद शामिल हैं.
बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर का इस्तीफा
इसके अलावा बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. देवेश चंद्र ठाकुर 25 अगस्त, 2022 को विधान परिषद के सभापति चुने गए थे. उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी है क्योंकि वे सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव में विजयी हुए हैं.
का राजनीतिक सफर
देवेश चंद्र ठाकुर ने 2002 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सदस्य के रूप में और 2008 में जदयू से बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे. 2008 में वे बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री भी रहे. 2014 में उन्होंने फिर से निर्दलीय सदस्य के रूप में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से और 2020 में जदयू से विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुनाव जीता था. अब लोकसभा सदस्य बनने के बाद उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता छोड़ दी है.
राजनीतिक दृष्टिकोण
इन इस्तीफों के बाद बिहार की राजनीति में नई चुनौतियां और संभावनाएं उभर कर सामने आएंगी. विधानसभा में नई सीटें खाली हो गई हैं जिन पर उपचुनाव होने की संभावना है. इन इस्तीफों के परिणामस्वरूप बिहार की राजनीतिक गतिशीलता में नए समीकरण बनेंगे और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन इस्तीफों का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा.