Aurangabad News : कोच थाना क्षेत्र के कमल बीघा में 13 जून की रात पूर्व नक्सली हीरा यादव की हत्या मामले में चार कुख्यात नक्सली की गिरफ्तारी हुई है। यह सफलता गया हुआ औरंगाबाद पुलिस (Aurangabad Police ) की टीम एवं एसटीएफ की कार्रवाई में मिली है। पकड़े गए नक्सली पर गया व औरंगाबाद जिले के विभिन्न थाने में करीब डेढ़ दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गुरारू के डबुर में छुपे दो नक्सली को दबोचा गया। एसएसपी आशीष भारती ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्याकांड का उद्वेदन हुआ इसमें शामिल नक्सली की गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ टिकरी के नेतृत्व में कोच थाना अध्यक्ष पुलिस बल व तकनीकी शाखा के अधिकारियों को शामिल कर एक विशेष टीम का गठन किया गया था। तकनीकी अनुसंधान व सूचना संकलन करने पर पता चला की घटना में स्वामी नक्सली गया व औरंगाबाद के इलाके में सक्रिय है। इसके बाद एसपी औरंगाबाद व एसटीएफ को सूचना साझा कर संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू की गई।
किसी भी सूचना मिली कि जिले के गुरारू थाना क्षेत्र के डबुर गांव में घटना करने वाले दो नक्सली छुपे हुए हैं। सूचना के सत्यापन के बाद छापामारी कर को क्या नक्सली अमरजीत यादव उर्फ जितेंद्र यादव (करमा थाना कोच) व अलखदेव यादव उर्फ अलख यादव(पांडे पोखर थाना कोच) को दबोचा गया। बताया कि उनकी निशानदेही पर संजय यादव (कमल बीघा,थाना कोच एवं सुखेंद्र यादव (मनोहरपुर थाना कोच को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए नक्सलियों मैं इस हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
नक्सलियों का आपराधिक इतिहास
एसपी ने बताया कि पकड़े गए नक्सलियों का लंबा आपराधिक इतिहास मिला है। इसमें अमरजीत यादव पर 11 नक्सली कांड के मामले दर्ज हैं। गया के परैया थाना में एक, औरंगाबाद के रफीगंज थाना में एक, पौथू थाना में एक ,मदनपुर थाना में चार , बंदेया थाना में एक व गोह थाना में तीन कांड दर्ज है। वही लाख देव यादव पर जिले के आंती ,गुरारू,कोच व गया रेल थाना में एक-एक कांड दर्ज है। नर्सरी संजय यादव पर परैया थाना में एक मामला दर्ज है।
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शामिल पदाधिकारी बात कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा
इस हत्याकांड का तत्व वार्ता उद्वेदन कर घटना में शामिल नक्सलियों को गिरफ्तार करने में शामिल पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा
नक्सलियों द्वारा प्रतिबंधित जमीन को बेचने में हुई हत्या
पोस्ट थाना क्षेत्र के कमल बीघा में 13 जून की रात मारे गए पूर्ण चली हीरा यादव का भी आपराधिक इतिहास रहा है। नर्सरी संगठन में रास्ते इसके गया औरंगाबाद जिले के नक्सली वारदातों में शामिल होने की पुष्टि हुई है। हाल के दिनों में यह संगठन से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन संगठन के क्रिया कमल में शामिल रहने के कारण इलाके में उसकी तूती बोलती थी। इसी का फायदा उठाकर उसने नक्सली संगठन द्वारा पोस्ट थाने में किस के प्रतिबंधित जमीन को बेचना शुरू कर दिया। कुछ इलाके में सक्रिय संगठन के लोगों को पता चला कि हीरा यादव को सजा देने का फरमान जारी किया गया। बताया जा रहा है कि इस फरमान के तहत 13 जून की रात करीब 10:00 बजे खाना खाकर हीरा अपने दलाल पर पहुंचा तो पहले से ही धात लगाए नक्सलियों ने उसे गोली मार के हत्या कर दी।
रिपोर्ट: शेरघाटी(राहुल कुमार)