Patna: बिहार की राजनीति में नए मोड़ के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री Nitish Kumar के सामने कई संकट खड़े करने की तैयारी कर ली है.
राजद का दावा है कि केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार का इकबाल समाप्त हो चुका है. राजद नेताओं ने कहा है कि भाजपा-जदयू के नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव को गाली देकर अपनी नाकामियों को छिपा नहीं सकते.
मुद्दों का खेल: शिक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने रविवार को कहा कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है. एनटीए के डीजी को बलि का बकरा बना कर मामले की लीपापोती की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक के आरोपियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपराधी बेधड़क होकर गोलीबारी कर रहे हैं और विकास के नाम पर लूट हो रही है. पिछले एक सप्ताह में तीन पुल-पुलियों के ध्वस्त होने के बावजूद सरकार मौन है.
RJD का हमला: भ्रष्टाचार और कुशासन पर निशाना
चितरंजन गगन ने कहा कि एनडीए नेता लालू और तेजस्वी को गाली देना छोड़कर यह बताएं कि आखिर कब तक वे अपनी नाकामियों भ्रष्ट कारगुजारियों और कुकृत्यों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ते रहेंगे? उन्होंने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया और इसे एनडीए की नाकामी करार दिया.
जदयू का पलटवार: राजद पर भ्रष्टाचार के आरोप
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने रविवार को कहा कि राजद के लिए भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है. उन्होंने राजद नेताओं से हवाबाजी छोड़कर नीट-यूजी पेपर लीक मामले में माफिया से अपने संबंधों के बारे में जवाब देने की मांग की. राजीव रंजन ने आरोप लगाया कि पेपर लीक माफिया से तेजस्वी यादव के आप्त सचिव के संबंध होने की बात सामने आ रही है.
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RJD की रणनीति और जदयू का जवाब
राजद नेताओं की हवाबाजी से लोगों के मन में संदेह पैदा हो रहा है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राजद का इतिहास गवाह है कि प्रदेश में होने वाले अधिकांश घोटाले के तार कहीं न कहीं इनके नेताओं से जरूर जुड़ जाते हैं.
राजनीतिक तापमान बढ़ता
इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच बिहार की राजनीति का तापमान बढ़ता जा रहा है. राजद की रणनीति और जदयू का जवाब दोनों ही आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. जनता के बीच इन मुद्दों की गूंज और उनके प्रभाव को देखते हुए यह कहना कठिन नहीं है कि बिहार की राजनीति एक नए मोड़ पर है, जहां हर कदम महत्वपूर्ण होगा.