Delhi Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा शुक्रवार को तड़के ढह गया. इसके बाद यहां से विमानों का संचालन अगले नोटिस तक स्थगित कर दिया गया.
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बीच शुक्रवार को तड़के करीब पांच बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ‘टर्मिनल-1’ की छत का एक हिस्सा वाहनों पर गिर गया. हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. नागर विमानन मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इसके परिणामस्वरूप टर्मिनल-1 से आने-जाने वाली उड़ानों का परिचालन अगले नोटिस तक रोक दिया गया है. उड़ानों के सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
केंद्र सरकार ने दिया विमान किराए के संबंध में परामर्श
इसी बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन कंपनियों से छत गिरने की घटना के बाद राष्ट्रीय राजधानी आने-जाने वाली उड़ानों के किराये में कोई असामान्य वृद्धि न हो यह सुनिश्चित करने को कहा है. शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे हुए हादसे के बाद इंडिगो और स्पाइसजेट की घरेलू उड़ानों को रद्द करने की खबर आई. टर्मिनल-वन से परिचालन बाधित होने के बाद आवागमन को अस्थायी रूप से टी2 और टी3 पर स्थानांतरित किया गया.
एयरलाइन कंपनियों को ये सलाह- दंडात्मक शुल्क न लगाएं
विमान किराये के संबंध में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया विमानन मंत्रालय ने एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली आने-जाने वाली उड़ानों के किराये में कोई असामान्य वृद्धि न हो. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक एक्स हैंडल पर कई पोस्ट आए. इन बयानों में मंत्रालय ने कहा एयरलाइन कंपनियों को सलाह दी गई है कि हादसे के कारण उड़ानों को रद्द करने या समय बदले जाने की एवज में दंडात्मक शुल्क नहीं लेने का फैसला किया जा सकता है.
एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने बताया हादसे के बारे में
इस बीच हादसे के वक्त वहां मौजूद चश्मदीदों से जब बात की गई तो एक बड़ा खुलासा हुआ. दरअसल घटना एक चश्मदीद श्याम सिंह ने बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि सुबह पांच बजे के करीब जब यह घटना हुई उस वक्त तेज बारिश हो रही थी.
बंगलूरू जा रही सुनीता और उनके पति अपने बच्चों के साथ टर्मिनल 1 एयरपोर्ट पर सभी एयरलाइंस का ऑपरेशन बंद होने के 3 घंटे बाद भी मौजूद थे. इसकी प्रमुख वजह यही थी कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि बंगलूरू की उनकी फ्लाइट अब जाएगी भी या नहीं. वह कहते हैं कि न तो टर्मिनल 1 पर कोई जानकारी देने वाला है और न ही यहां पर एयरलाइन से संबंधित कोई अधिकारी या कर्मचारी मौजूद है. फिलहाल वे बच्चों के साथ टर्मिनल 1 एयरपोर्ट पर जाने वाली शटल का इंतजार करते रहे लेकिन एयरपोर्ट से शटल सेवा भी बंद कर दी गई.
वहीं, एयरपोर्ट पर काम करने वाले सूरज ने बताया कि सुबह जब घटना हुई तो मुझे मौके पर बुलाया गया. इस एयरपोर्ट पर जो शेड गिरा बीते कई सालों से उसका कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ था. टर्मिनल वन का एक हिस्सा हाल में ही बनाया गया था जबकि पुराने हिस्से की देखरेख नहीं की गई. हालांकि उन्होंने कहा कि नए टर्मिनल-1 के शेड को बनाते समय इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि यह शेड इतना पुराना है कि किसी भी वक्त भरभरा कर गिर जाएगा.
एयरपोर्ट के बारे में जानिए यह बातें
वर्ष 1986 में दिल्ली हवाई अड्डे का नाम बदलकर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया गया. 2 मई 2006 को दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों का प्रबंधन निजी संघ को सौंप दिया गया. दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड GMR समूह 50.1%, फ्रापोर्ट AG 10%और मलेशिया हवाई अड्डों 10%, भारत विकास कोष 3.9% का एक संघ है और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास 26% हिस्सेदारी है.
पुराने पालम टर्मिनल को अब टर्मिनल 1 के रूप में जाना जाता है और यह सभी घरेलू उड़ानों को संभालता है. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्राथमिक हवाई अड्डा है जो नई दिल्ली के शहर के केंद्र से 16 किमी दक्षिण पश्चिम में पश्चिम दिल्ली में स्थित है. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर नए टर्मिनल 3 पर परिचालन शुरू होने के साथ दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत और दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण विमानन केंद्र बन गया है.