Ranchi: बिहार में बीते 12 दिनों में पांच पुल गिरने की घटनाओं ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. विपक्ष के नेता Tejashwi Yadav ने इसे लेकर डबल इंजन सरकार पर जोरदार हमला बोला है वहीं एनडीए नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार का बचाव करते हुए इसे साजिश करार दिया है.
Tejashwi Yadav ने बिहार में लगातार पुलों के गिरने पर तंज कसते हुए कहा “बधाई हो, बिहार में डबल इंजन सरकार की डबल ताकत से महज 9 दिनों में केवल और केवल मात्र 5 पुल ही गिरे हैं.” उन्होंने कहा कि पुलों के गिरने से जनता के हजारों करोड़ रुपये स्वाहा हो रहे हैं और स्वघोषित ईमानदार लोग इसे ‘भ्रष्टाचार’ ना कह कर ‘शिष्टाचार’ कह रहे हैं. उनके अनुसार, यह सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का नतीजा है जिससे जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है.
मांझी दिखे एनडीए सरकार का बचाव करते हुए
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पुल गिरने की घटनाएं एक साजिश के तहत की जा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके. मांझी ने कहा “यह साजिश रची गई है और हमें इस पर ध्यान देना होगा कि ऐसे कौन लोग हैं जो सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं.”
पुल गिरने का ताजा मामला मधुबनी का है जहां 75 मीटर लंबे पुल का गार्डर टूटने से पुल जमींदोज हो गया. इस घटना ने राज्य की बुनियादी ढांचे की स्थिति और सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है जबकि सरकार इसे साजिश करार दे रही है.
घटना के बाद सियासी हलचल हुई तेज
पुलों के गिरने की घटनाओं ने राज्य में राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर दिया है. विपक्ष इस मुद्दे को सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बता रहा है वहीं सत्ताधारी दल इसे साजिश बताकर अपना बचाव कर रहा है. जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रोश है और यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है.
बिहार में पुलों के गिरने पर तेजस्वी का तंज और सियासी बयानबाजी
बिहार में पिछले 12 दिनों में पांच पुलों के गिरने की घटनाओं ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है. इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर तीखा तंज कसा है. वहीं एनडीए नेताओं ने विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं जिनमें पुलों के गिरने को साजिश बताया गया है और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग की गई है.
Tejashwi Yadav ने साधा निशाना
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली डबल इंजनधारी एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा “6 दलों वाली डबल इंजनधारी एनडीए सरकार ने बिहारवासियों को 9 दिन में 5 पुल गिरने पर मंगलराज की कल्याणमय उज्जवल शुभकामनाएं दी हैं. पुलों के गिरने से जनता के स्वाहा हो रहे हजारों करोड़ों रुपये को स्वघोषित ईमानदार लोग ‘भ्रष्टाचार’ ना कह कर ‘शिष्टाचार’ कह रहे हैं.” उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है.
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का पलटवार
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा “तेजस्वी यादव को पता होना चाहिए कि किस कारण क्या हो रहा है. जो पुराने पुल हैं उनकी जांच हो रही है और हम इन चीजों पर नजर रखे हुए हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार स्थिति को संभालने के लिए तत्पर है और उचित कार्रवाई कर रही है.
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जीतन राम मांझी का बचाव
एनडीए नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा “ठेकेदार की गलती से ऐसी घटनाएं हो रही हैं. घटिया किस्म का मेटेरियल इस्तेमाल किया गया होगा. पुल का गिर जाना अलग बात है उस पर बिहार सरकार त्वरित कार्रवाई कर रही है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि बिहार में बार-बार पुल टूट रहे हैं? पहले ऐसा नहीं हो रहा था अब क्यों हो रहा है? हमें लगता है कि इसमें कहीं न कहीं साजिश भी है.”
चिराग पासवान ने की मांग
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं उम्मीद करता हूं कि मुख्यमंत्री इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. भविष्य में जितने भी नए निर्माण होंगे उनके लिए गुणवत्ता की समस्या नहीं होनी चाहिए.” उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही.
आरजेडी ने दिया ये बयान बयान
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा “अब तक इस सरकार के जाने के बाद ही पुल गिरने का सिलसिला रुकेगा. हमें सरकार से इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि हम व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में पूछताछ कर रहे थे.” तिवारी ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की निष्क्रियता और लापरवाही के कारण ही ये घटनाएं हो रही हैं.
इस तरह पुलों के गिरने की घटनाओं ने बिहार की राजनीति को एक नया मुद्दा दे दिया है. जहां एक ओर विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा है, वहीं सरकार और उसके समर्थक इसे साजिश करार देकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. जनता के बीच इस मुद्दे पर काफी आक्रोश है और यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है.