New Criminal Laws: अब ‘दंड’ नहीं लोगों को ‘न्याय’ मिलेगा

थाना परिसर शेरघाटी में सोमवार को एएसपी डॉक्टर के रामदास की अध्यक्षता में बैठक कर आम जनों को 1 जुलाई 2024 से लागू नए भारतीय कानून के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संगीता संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं।

उन्होंने कहा कि तीन नए कानून की आत्मा है कि भारतीय नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा की जाए। इस कानून के तहत पहली बार ऑनलाइन प्राथमिकी का प्रावधान दिया गया है। हफ्ते भर में फैसला ऑनलाइन उपलब्ध कराना है। थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने कानून की जानकारी देते हुए कहा कि देश के आपराधिक कानून में जो बदलाव किए गए हैं उनमें सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1 जुलाई भारतीय इतिहास का ऐतिहासिक दिन है। आज से ही तीनों कानून प्रभावी हो गए। आज से होने वाले प्राथमिकी नए कानून के तहत किए जाएंगे। इसके साथ ही ब्रिटिश कालीन कानून का अंत हो गया। देशद्रोह, मोबलिंचिंग, धोखे से शारीरिक संबंध मामले में कानून को कठोर बनाया गया है। हत्या के मामले में आप 302 धारा की जगह 103 होगा। दुष्कर्म पीड़ीतों का बयान अब कोई महिला अधिकारी ही लेंगी।

ऐसे मामलों में मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर देनी होगी। किसी बच्चे को खरीदना या बेचना अब जहां ने अपराध माना जाएगा। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में जद यू अध्यक्ष प्रो अरविंद कुमार, मुखिया प्रतिनिधि जावेद खान, राम लखन पासवान, दिलीप यादव, उप प्रमुख लाल बहादुर शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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