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चुनावी साल में Nitish Kumar के ताबड़तोड़ फैसले: जीविका कर्मियों का मानदेय दोगुना, दीदियों को सस्ता लोन

On: June 22, 2025 6:35 AM
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nitish kumar
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पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले CM Nitish Kumar लगातार जनहित में बड़े फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को उन्होंने जीविका परियोजना से जुड़े लाखों लोगों के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

मुख्यमंत्री ने जीविका कर्मियों के मानदेय को दोगुना करने और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को सस्ते ब्याज दर पर लोन देने का ऐलान किया।

जीविका कर्मियों का मानदेय अब दोगुना: CM Nitish Kumar

राज्य सरकार ने जीविका परियोजना के तहत कार्यरत 1.40 लाख कर्मियों के मानदेय में दो गुना वृद्धि की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय उनके मनोबल को बढ़ाएगा और उनके कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।

दीदियों को सस्ता बैंक लोन: ब्याज दर 10% से घटकर 7%: CM Nitish Kumar

नीतीश कुमार ने यह भी घोषणा की कि 3 लाख रुपये से अधिक के बैंक लोन पर जीविका दीदियों को अब 10% की जगह केवल 7% ब्याज देना होगा। इसका लाभ 1.40 करोड़ से अधिक जीविका दीदियों को मिलेगा, जो राज्य में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और आमदनी दोनों में वृद्धि होगी।

महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम

नीतीश कुमार ने बताया कि जीविका परियोजना की शुरुआत 2006 में विश्व बैंक की सहायता से की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। आज यह योजना बिहार की महिलाओं के जीवन में बदलाव का प्रतीक बन चुकी है।

nitish kumar

लगातार हो रहे लोक-लुभावन फैसले

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री लगातार जनकल्याणकारी फैसले ले रहे हैं:

  • पेंशन योजना: बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की मासिक पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 किया गया। इससे 1.09 करोड़ लाभार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा।
  • डोमिसाइल नीति: स्कूलों में होने वाली नॉन-टीचिंग स्टाफ भर्ती में स्थानीय निवास प्रमाणपत्र की अनिवार्यता लागू।
  • पंचायती राज मानदेय: मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष आदि का मानदेय डेढ़ से दो गुना बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ये फैसले स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि वे चुनावी साल में महिलाओं, ग्रामीणों और गरीब तबके को साधने की कोशिश में जुटे हैं। जीविका योजना से जुड़े कर्मचारियों और महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में यह कदम न सिर्फ राजनीतिक रूप से अहम, बल्कि सामाजिक विकास के दृष्टिकोण से भी एक मजबूत पहल मानी जा रही है।

 

 

 

 

 

 

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