Ranchi: Jharkhand में दल बदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ के न्यायाधिकरण में लगातार दो दिनों तक सुनवाई चली और इसके पश्चात आज झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक लोबिन हेंब्रम एवं बीजेपी विधायक जेपी पटेल की सदस्यता खत्म करने का निर्णय सुनाया गया.
विधानसभा अध्यक्ष महतो ने बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम एवं मांडू से बीजेपी के विधायक जेपी पटेल को संविधान की 10वीं अनुसूची के अंतर्गत दल बदल का दोषी पाया. विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों ही विधायकों को पार्टी लाइन के खिलाफ गतिविधि में दोषी करार दिया.
महतो ने इस केस में अपना निर्णय सुनाते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता को खत्म कर दिया है. उल्लेखनीय है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम अपनी पार्टी के खिलाफ राजमहल से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़े थे. जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने इनको पार्टी से निलंबित करते हुए दल बादल की शिकायत की थी और वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक जेपी पटेल भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे.
Jharkhand News: जेपी पटेल की भी शिकायत बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष से की थी
झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं भाजपा ने क्रमशः लोबिन हेंब्रम एवं जेपी पटेल के खिलाफ दल बदल रोधी कानून के अंतर्गत कार्रवाई आरंभ करने की मांग उठाई थी. लोबिन हेंब्रम नीरज महल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधिकारिक प्रत्याशी विजय हासंदा को चुनौती दी थी.
पटेल लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस में सम्मिलित हो गए थे तथा वह हजारीबाग सीट से चुनाव लड़े थे. हालांकि चुनाव हार गए थे. अधिकारी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाया.
ज्ञात हो कि बीते दिनों हुए विधानसभा चावन के दौरान दोनों पार्टी के विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ा था इसी के चलते झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम मैं पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था जिसके पश्चात उनके सदस्यता चली गई. इसके साथ ही लोकसभा चावन के चलते भारतीय जनता पार्टी के विधायक जेपी पटेल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
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इस दौरान उन्हें भी पार्टी लाइन के खिलाफ जाने का दोषी करार देते हुए सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है. दोनों ही सीटें अब खाली घोषित कर दी गई है. इन दोनों सीटों पर अब उपचुनाव होंगे. इन चुनाव में एक बार फिर से उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी मैदान में होंगे.