देश में डिजिटल क्रांति (UPI) लाने के प्रयास लंबे समय से किए जा रहे थे और अब उनके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं.
इसका एक ज्वलंत उदाहरण है यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस जिसके माध्यम से किए गए लेनदेन अब 20 लाख करोड़ रुपये के पार पहुँच चुके हैं. 2016 की नोटबंदी के बाद भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए थे और UPI इनमें सबसे प्रमुख बनकर उभरा है.
आज देश के कोने-कोने में, ठेले-रेहड़ी वालों से लेकर बड़े-बड़े ज्वैलरी स्टोर्स तक सभी UPI से भुगतान करते हैं. जुलाई महीने में UPI से 20.64 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हुए हैं जो पिछले साल जुलाई के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है. यह लगातार तीसरा महीना है जब UPI पेमेंट्स से 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन हुए हैं.
UPI ट्रांजेक्शंस की संख्या में हुई बढ़ोतरी
जुलाई के महीने में UPI से होने वाले पेमेंट्स की संख्या 14.44 अरब हो चुकी है, जो 45% की वृद्धि है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, UPI के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 4.5 करोड़ लेनदेन होते हैं और प्रतिदिन औसत 66,950 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है. जून और मई में भी UPI ट्रांजेक्शन में शानदार वृद्धि दर्ज की गई थी जिसमें जून में 20.07 लाख करोड़ रुपये और मई में 20.44 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हुए थे.
India Stack का हिस्सा
भारत सरकार ने देश में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के उद्देश्य से ‘India Stack’ के नाम से एक पहल की है जिसमें फिनटेक के विभिन्न घटक शामिल हैं. UPI इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें आधार पे, जनधन और रुपे जैसे घटक भी शामिल हैं. UPI ने खुद को एक अद्वितीय फिनटेक प्रोडक्ट के रूप में स्थापित किया है जहां वित्त वर्ष 2017-18 में नॉन-कैश रिटेल ट्रांजेक्शन का यह केवल 6 प्रतिशत था वह 2023-24 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो चुका है.
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वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 90 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. UPI ने न केवल डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई है बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह डिजिटल युग की दिशा में एक सशक्त कदम है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है.