Patna: Nitish Kumar: नीतीश सरकार द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व विभिन्न बोर्ड एवं आयोग में हुई राजनीतिक नियुक्तियों पर विपक्ष प्रश्न उठा रहा है.
एनडीए सरकार द्वारा अधिसूचित धार्मिक न्यास बोर्ड में एक भी ब्राह्मण को जगह नहीं देना भारतीय जनता पार्टी और जनता दल युनाइटेड द्वारा ब्राह्मणों का तिरस्कार इन दोंनो दलों को केवल ब्राह्मण का वोट चाहिए सम्मान देने की जरूरत नहीं । @kharge @kcvenugopalmp @NitishKumar @CMOfficeBihar pic.twitter.com/BV8Grl0jUt
— Kishore Kumar Jha (@KishoreJha61) June 29, 2025
इसी के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार जहां ने धार्मिक न्यास बोर्ड में एक भी ब्राह्मण नहीं होने पर प्रश्न किया है उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा कर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री को यह चेतावनी दी है कि यदि यह रवैया नहीं बदला तो उन्हें पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों के विरोध का सामना करना होगा.
CM Nitish Kumar के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बीते महीने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पुनर्गठन किया था और इसका अध्यक्ष भाजपा के नेता रणवीर नंदन को बनाया गया. वहीं दूसरी और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल सहित 10 लोगों को बोर्ड में सदस्य नामांकित किया गया. अब इन नियुक्तियों युक्तियों पर कांग्रेस प्रश्न उठा रही है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रह चुके किशोर कुमार झा ने यह दावा किया है कि ब्राह्मण समुदाय से किसी भी व्यक्ति को इस धार्मिक न्यास बोर्ड में स्थान नहीं दिया गया है.
उनका कहना है कि, “बिहार में एनडीए की सरकार ने धार्मिक न्यास बोर्ड में एक भी ब्राह्मण व्यक्ति को सदस्य नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं समझी. यह एक बड़ी साजिश है और ब्राह्मणों के अपमान का प्रयास किया गया है.” उन्होंने बताया कि धर्म एवं धार्मिक स्थलों की रक्षा और सनातन संस्कृति के संरक्षण में ब्राह्मण समुदाय ने अग्रणी भूमिका निभाई है और ऐसे में इस प्रकार के धार्मिक बोर्ड में ब्राह्मणों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए.