Jharkhand News: भाकपा माओवादी के नेतृत्व में सम्मिलित नक्सली अनुज उर्फ़ सोरेन उर्फ़ प्रवेश उर्फ़ अमलेश उर्फ़ प्रवेश दा पर झारखंड सरकार ने इनामी राशि बढ़ाकर एक करोड़ घोषित की है.
इससे पूर्व नक्सली प्रवेश दा पर 25 लाख रुपये का इनाम था परंतु अब केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाए जाने के पश्चात ईनामी राशि को चार गुना ज़्यादा बढ़ाया गया है. अभी झारखंड में 1 करोड़ के इनामी राशि वाले चार नक्सली है जिसमें सेंट्रल कमेटी मेंबर में असीम मंडल उर्फ़ आकाश उर्फ़ तिमिर, अनिल दा उर्फ़ तूफ़ान उर्फ़ माँझी उसका पतिराम मरांडी उर्फ़ रमेश और अनुज उर्फ़ सहदेव सोरेन उर्फ़ प्रवेश उर्फ़ अमलेश इसके साथ ही पोलित ब्यूरो मेंबर मैं मी सिंह बेसरा उर्फ़ भास्कर उर्फ़ सुनिर्मल जी उर्फ़ सागर है.
इस वर्ष 21 अप्रैल को बोकारो में हुए मुठभेड़ में प्रयोग माँझी उर्फ़ विवेक की मौत के पश्चात प्रवेश दा को यह पद सौंपा गया. माओवादी संगठन में प्रयाग माँझी की मौत के पश्चात नेतृत्व संकट उत्पन्न हो गया था जिसके पश्चात प्रवेश को केंद्रीय कमेटी में सम्मिलित किया गया. कि वर्तमान में पूर्वी बिहार-पूर्वी झारखंड का क्षेत्रीय सचिव है तथा संगठन विस्तार की साज़िश में जुटा हुआ है.
Jharkhand News: संगठन में गिरावट एवं शीर्ष नेतृत्व कमज़ोर
ख़ुफ़िया एजेंसियों एवं पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक़ CPI माओवादी की सेंट्रल कमेटी में अब सिर्फ़ 14 सक्रिय सदस्य ही बचे हैं जिसमें से केवल चार ही पोलित ब्यूरो स्तर के नेता है. साल 2007 से अब तक संगठन को भारी हानि पहुँची है. 26 सेंट्रल कमेटी सदस्य या गिरफ़्तार हुए हैं या मारे गए हैं या फिर आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इन नक्सलियों में से सात को सुरक्षा बलों के द्वारा मार गिराया गया है जिसमें से चार इसी साल मारे गए हैं.
माओवादी संगठन के लिए प्रवेश डा पर एक करोड़ का इनाम रखा जाना एक बड़ा झटका साबित हो सकता है और सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश मैं लगातार अभियान में जुटी हुई है.
Jharkhand News: समानांतर संगठन खड़ा करने की कोशिश में जुटे नक्सली
झारखंड में चल रहे लगातार अभियान के पश्चात नक्सलियों के रणनीति में फेरबदल की आशंका है. प्रदेश पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सली अब समानांतर संगठन खड़ा करने के प्रयास में लगे हैं एवं इसे लेकर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी ज़िलों को सतर्क रहने एवं माओवादियों की गतिविधियों की त्वरित निगरानी करने का भी निर्देश दिया है.
सभी ज़िलों के SP को पुलिस महानिदेशक की तरफ़ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नक्सलियों से जुड़े किसी भी विभाजित गुट की पहचान कर उसके ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की जाए क्योंकि इन समूह की गतिविधियां यदि सीधे बार वादियों के नाम से न हों परंतु उनका काम काज रणनीति एवं प्रचार प्रसार माओवादी विचारधारा से मेल खाता है.
पुलिस को इस बात की आशंका है कि माओवादी घटती सदस्यता एवं कमज़ोर होती अपनी पकड़ के चलते अब नए नाम से अलग अलग छोटे समूह बना रहे हैं ताकि युवाओं को भ्रमित कर आंदोलन में जोड़ सके.
क़ैदी वाहन से छुड़ा लिया था नक्सली को
नक्सली प्रवेश दा मूल रूप से हज़ारीबाग़ ज़िले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के भंडारी गाँव का रहने वाला है. वे साल 2013 मैं उस वक़्त सुर्ख़ीयों में आया था जब गिरिडीह मैं क़ैदी वाहन ब्रेक कांड हुआ था. उस वक़्त नक्सलियों ने पुलिस की हिरासत में ले जा रहे वाहन पर हमला कर कई बार माओवादियों को छुड़ा लिया था जिसमें प्रवेश दा भी सम्मिलित था.