Aurangabad News: आजादी की लड़ाई के दौरान 82 वर्षों पूर्व देश के पटना सचिवालय में झंडोतोलन के लिए शहीद हुए अमर जवानों को उनकी शहादत के लिये आज भी विभिन्न स्थानों पर लोग नमन कर रहे हैं वही उन्ही सात शहीदों में से एक शहीद जगतपति कुमार की शहादत आज भी औरंगाबाद जिले के लोगों को गौरवान्वित करती है और उनकी 82 वीं पुण्यतिथि पर पूरा औरंगाबाद उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है। 11 अगस्त 1942 का दिन भारत के इतिहास में एक अहम दिन माना जाता हैं। आज का ही दिन में पटना सचिवालय में झंडोतोलन करने का प्रयास किया गया था। जिसमे 7 अमर जवान शाहिद हो गए थे।
अमर जवान जगतपति कुमार
11 अगस्त 1942 का दिन बिहार के साथ-साथ पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन हैं। आज के दिन ही अमर जवान जगतपति कुमार और उनके 6 साथी देश के लिए शाहिद हुए थे। शाहिद जगतपति का जन्म औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के अंतर्गत खरांटी गांव के एक जमींदार परिवार में हुआ था। वह 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय मात्र 19 वर्ष के थे। 11 अगस्त 1942 को पटना में युवकों की एक टोली ने सचिवालय के भवन पर तिरंगा झंडा फहराने की कोशिश की। उस वक्त जगतपति कुमार पटना में रहकर बीएन कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान अंग्रेजों की पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से अपने छह साथियों के साथ वे शहीद हुए।
दुखद बात यह है कि आज औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के खरांटी में उनका भवन पूरी तरह से जर्जर होकर गिर चुका है। उनके परिवार के सभी सदस्य बाहर रहते हैं। जर्जर भवन की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सरकार की ओर से भी कोई पहल नहीं की जा रही है। स्थानीय लोगो ने शहीद जगतपति की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग की है ।
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