महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन स्थित राजकोट किले में छत्रपति Shivaji Maharaj की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के गिरने की घटना ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है. यह प्रतिमा सोमवार को दोपहर करीब 1 बजे गिर गई जिससे स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच हलचल मच गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था जिसके बाद यह घटना अब चर्चा का विषय बन गई है.
Shivaji Maharaj का प्रतिमा गिरने के कारण की जांच जारी
एक अधिकारी के अनुसार प्रतिमा गिरने के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है. हालांकि जिले में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश और तेज हवाओं को इस घटना की संभावित वजह बताया जा रहा है. घटना के तुरंत बाद पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. फिलहाल नुकसान की जांच की जा रही है और प्रतिमा के गिरने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू की गई है.
विपक्ष ने भाजपा सरकार को ठहराया दोषी
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा “राज्य सरकार इस घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है क्योंकि उसने प्रतिमा की उचित देखभाल नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया और केवल अनावरण समारोह पर फोकस किया.” पाटिल ने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंडर जारी करने और अनुबंध देने में कमीशनखोरी को प्राथमिकता दी जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई.
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की दिशा
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग की है जबकि सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और इस घटना का राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है. छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के गिरने पर महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है.
यह भी पढ़े: Rahul Gandhi की नागरिकता, सुब्रमण्यम स्वामी ने Delhi HC का रुख किया
शिवसेना के विधायक वैभव नाइक ने इस घटना के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए उसकी आलोचना की है. नाइक ने कहा “राज्य सरकार इस घटना की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है लेकिन प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों की पूरी जांच होनी चाहिए. यह घटना राज्य सरकार की लापरवाही का परिणाम है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”
नई प्रतिमा स्थापित करने की प्रतिबद्धता
इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “मेरे पास घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी. पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण जो सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं ने मामले की जांच का आदेश दिया है. हम उसी स्थान पर एक नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” केसरकर ने आगे कहा “प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनावरण की गई यह प्रतिमा समुद्र पर किला बनाने में शिवाजी महाराज के दूरदर्शी प्रयासों को श्रद्धांजलि देती है. हम इस मामले को शीघ्र और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे.”