झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ झामुमो नेता Champai Soren 30 अगस्त 2024 को अपने बेटे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे.
इस फैसले ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है. चंपई सोरेन ने खुद इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वह झामुमो और मंत्री पद से इस्तीफा देंगे और बीजेपी का हिस्सा बनेंगे.
अपने फैसले पर प्रकाश डालते हुए चंपई सोरेन ने कहा “मैं किसी भी स्थिति से डरता नहीं हूं और भाजपा में शामिल होने का निर्णय झारखंडवासियों के हित में लिया है.” उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी वह उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे चाहे वह किसी क्षेत्र की हो या पूरे झारखंड की. उनके अनुसार झारखंड में विकास के साथ-साथ आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
चंपई सोरेन ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और इस निर्णय की जानकारी दी थी. उनके अनुसार “सिर्फ भाजपा ही बांग्लादेशी घुसपैठ जैसी गंभीर समस्या को गंभीरता से लेती है जबकि अन्य पार्टियां इसे वोट बैंक की राजनीति के चलते नजरअंदाज कर रही हैं.”
यही कारण है कि उन्होंने भाजपा के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए आदिवासियों की पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए इस पार्टी में शामिल होने का फैसला किया.
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चंपई सोरेन का यह फैसला झामुमो के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है खासकर जब वे खुद स्वीकारते हैं कि झामुमो में ऐसा कोई मंच नहीं था जहां वे अपनी पीड़ा व्यक्त कर सकें. अब जब वह बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं तो झारखंड की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना और बढ़ गई है.