CBI ने कोर्ट में पेश किए अहम सबूत, क्या जेल से बाहर नहीं आएंगे Kejriwal? हर प्रत्याशी को 90-90 लाख देने का वादा

दिल्ली आबकारी नीति मामले में CM Arvind Kejriwal की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई द्वारा पेश किए गए ताजा सबूतों ने उनकी स्थिति को और भी पेचीदा बना दिया है.

Arvind Kejriwal News: 90-90 लाख रुपये देने का वादा किया था

सीबीआई ने केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी 14 दिनों की रिमांड मांगी जिसमें गोवा विधानसभा चुनाव 2021 से संबंधित नए तथ्य सामने आए हैं. सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने अदालत में यह दावा किया कि केजरीवाल ने गोवा के सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी और उन्हें 90-90 लाख रुपये देने का वादा किया था.

यह आरोप व्हाट्सएप चैट के रूप में प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर लगाया गया है. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल की इच्छानुसार पार्टी के फंड में इस पैसे का उपयोग किया गया.

अदालत ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत सबूतों की जांच भी तीन सितंबर तक पूरी करने के निर्देश दिए

केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को तीन सितंबर तक बढ़ा दिया गया है और इस दौरान अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर चौथे आरोपपत्र पर विचार करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत सबूतों की जांच भी तीन सितंबर तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं. इस सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने अदालत से उनके कम ब्लड शुगर के चलते भोजन की अनुमति मांगी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

सीबीआई के आरोपपत्र में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ पांच अन्य आरोपियों को भी शामिल किया गया है जिनमें आप नेता दुर्गेश पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी. सरथ रेड्डी का नाम शामिल है. सीबीआई ने 29 जुलाई को यह आरोपपत्र दाखिल किया था.

यह मामला अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए एक गंभीर संकट बनकर उभर रहा है जहां आरोपों की गंभीरता और सबूतों की प्रस्तुति ने उनकी स्थिति को और भी जटिल बना दिया है. अब तीन सितंबर को होने वाली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है.

सीबीआई ने Kejriwal और उनकी पार्टी पर गोवा चुनाव के लिए अवैध फंडिंग का आरोप लगाया

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई ने गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें एक और मुश्किल में डाल दिया है. राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर गोवा चुनाव के लिए अवैध फंडिंग का आरोप लगाया. सीबीआई का दावा है कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव जीतने के बाद पंजाब के लोगों से पैसे की उगाही कराई और इस धन का उपयोग गोवा चुनाव प्रचार में किया गया.

सीबीआई ने अदालत को बताया कि आप के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने साउथ ग्रुप के साथ फंडिंग के सौदे पर बातचीत की थी और इस समूह से एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल गोवा चुनावों में किया गया. इस फंड का वितरण आप विधायक दुर्गेश पाठक के निर्देश पर नकद में किया गया, जो कि गोवा चुनाव के प्रभारी थे.

25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की व्यवस्था की थी

एजेंसी ने सह-आरोपित विनोद चौहान की भूमिका पर भी प्रकाश डाला जिसने बीआरएस नेता के. कविता के निजी सहायक के साथ समन्वय कर दिल्ली से गोवा तक 25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की व्यवस्था की थी. सीबीआई के अनुसार चौहान और केजरीवाल के बीच घनिष्ठ संबंध थे जो कि उनके बीच की व्हाट्सएप चैट से स्पष्ट हुआ है. चौहान के माध्यम से प्राप्त धन को हवाला कूरियर द्वारा स्थानांतरित किया गया था जिसमें आशीष माथुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सीबीआई के वकील ने यह भी दावा किया कि आप की पंजाब में जीत के बाद सह-आरोपित अमित अरोड़ा ने पार्टी के लिए दिल्ली में महादेव लिकर नामक शराब कंपनी से रिश्वत की मांग की और इसके लिए व्यक्तियों को धमकाया. सरकारी गवाह बने पी. सरथ रेड्डी की भूमिका पर एजेंसी ने बताया कि उसने के. कविता को 14 करोड़ रुपये की राशि एक फर्जी जमीन सौदे के माध्यम से दी थी और इसके बदले में दिल्ली में पांच शराब की दुकानों को हासिल किया था.

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इन सभी आरोपों ने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए कानूनी संकट को और गहरा कर दिया है और अब सभी की नजरें तीन सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं.

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