Latehar: लातेहार एक तरफ जहां राज्य की हेमंत सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए अधिवक्ता कल्याण कोष की घोषणा की है। वहीं इसे लेकर अधिवक्ताओं ने ही सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने लातेहार व्यवहार न्यायालय में कार्य कर रहे अधिवक्ता राजीव रंजन पाण्डेय (Advocate Rajiv Ranjan Pandey) से बात की तो उन्होंने कहा की हेमंत सरकार इस बिल को अधिवक्ताओं के लिए एतिहासिक फैसला बता रहें हैं पर हकीकत से यह कोषों दूर है।
इसके पीछे उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि राज्य का बजट ही मात्र चार हजार करोड़ से ज्यादा है इसमें भी मईया सम्मान योजना, अबुआ आवास योजना, राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट बिजली बिल माफ योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना यह सब ऐसी योजना है, जिसका बजट ही चार हजार करोड़ से ज्यादा है, उपर से राज्य सरकार सरकार पर कर्ज है आखिर कैसे हेमंत सरकार अधिवक्ताओं को पैसा देगी। यही नहीं हेमंत सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण के बात करती है पर इस बिल से अधिवक्ताओं में ही वह विवाद पैदा करना चाहते हैं। 40 हजार से अधिक अधिवक्ता अभी प्रैक्टिस कर रहे है वहीं 15 हजार अधिवक्ता वैलफेयर ट्रस्ट से रजिस्ट्रड है, बाकि अधिवक्ता जो बच जा रहे हैं उनके बीच हेमंत सरकार इस बिल के माध्यम से विवाद पैदा करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा की यह बिल किसी भी सूरत में सही नहीं है यह त्रृटिपूर्ण बिल है।
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