Rahul Gandhi के सिख समुदाय पर हाल ही में दिए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता पर तीखा हमला किया।
उन्होंने नाम लिए बिना राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा देश के दुश्मनों का समर्थन करना न केवल निंदनीय बल्कि असहनीय है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “यह बहुत दुखद है कि कुछ लोग, जो महत्वपूर्ण पदों पर हैं, उन्हें न तो संविधान की समझ है, न ही राष्ट्रीय हित की जानकारी। हर विदेशी यात्रा का उद्देश्य भारत की छवि को धूमिल करना नहीं होना चाहिए।”
Rahul Gandhi देश को बांटने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं
धनखड़ का यह बयान भारतीय जनता पार्टी के राहुल गांधी पर हमले के बाद आया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि वे देश को बांटने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं।
जगदीप धनखड़ ने कहा, “हमने आजादी के लिए बहुत बलिदान दिए हैं। माताओं ने अपने बेटे खोए, पत्नियों ने अपने पति। हम अपने राष्ट्रवाद का मजाक नहीं उड़ा सकते।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हर भारतीय देश का राजदूत होता है और यह बेहद दुखद है कि संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति इसके विपरीत काम करता है।धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग स्वतंत्रता और देश की 5,000 साल पुरानी सभ्यता का मूल्य नहीं समझते हैं। उन्होंने संविधान को पवित्र बताते हुए कहा कि इसे बनाने में हमारे संस्थापकों ने तीन वर्षों की कड़ी मेहनत की थी।
‘देश की अस्मिता के ऊपर सवाल नहीं’: उपराष्ट्रपति धनखड़ का राष्ट्रवाद पर जोर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी करते हुए राष्ट्रवाद के प्रति अपने समर्पण और संकल्प को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम किसी भी तरीके से राष्ट्रवाद के प्रति समर्पण को कम नहीं होने देंगे। हमारा संकल्प है कि राष्ट्रवाद सर्वोपरि है, खुद से और परिवार से भी ऊपर, और राजनीति से भी।”
जगदीप धनखड़ ने जोर देकर कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि राजनीतिक दल किस प्रकार की राजनीति करते हैं, लेकिन यह सब कानून और संविधान के दायरे में होना चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार की आलोचना करें, पर देश की अस्मिता पर सवाल न उठाएं। यह देखना दुखद है कि दुश्मनों के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने की कोशिशें हो रही हैं। हर विदेश यात्रा का मकसद भारत की छवि को धूमिल करना नहीं होना चाहिए।”
सिक्ख समुदाय पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद बवाल
राहुल गांधी द्वारा हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर दिए गए बयान के बाद सिख समुदाय में नाराजगी फैल गई है। बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राहुल गांधी से माफी की मांग की और कहा कि वे मोदी सरकार के शासन में कांग्रेस शासन के मुकाबले अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
Rahul Gandhi का विवादित बयान
राहुल गांधी ने अपने चार दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और हर्नडॉन सहित कई कार्यक्रमों में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, लोकतंत्र, आरक्षण और चुनाव सुधारों पर बात की थी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा था, “क्या एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति है? क्या वह गुरुद्वारा जा सकेगा? यही लड़ाई है, और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।”
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इस बयान के बाद बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया और राहुल गांधी पर देश विरोधी नैरेटिव स्थापित करने का आरोप लगाया। भगवा पार्टी ने इसे भारत के खिलाफ एक खतरनाक बयान बताया, जो देश की छवि को खराब करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है।राहुल गांधी के इस बयान पर विवाद जारी है, जबकि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच राजनीतिक बहस तेज हो गई है।