झारखंड के CM Hemant Soren ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘मईयां सम्मान योजना’ के तहत राज्य की 45 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में दूसरी किस्त के रूप में 322 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
यह कार्यक्रम बोकारो जिले के ललपनिया स्थित आदिवासियों के सबसे बड़े तीर्थस्थल लुगुबुरु घंटाबाड़ी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं से संवाद करते हुए कहा कि वह एक भाई की तरह उनके हित में काम कर रहे हैं और आशा जताई कि माताएं और बहनें उन्हें याद रखेंगी।
मुख्यमंत्री ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नहीं चाहते कि सरकार महिलाओं, गरीबों, आदिवासियों, दलितों और किसानों के लिए काम करे। उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 में सरकार बनने के साथ ही इसे गिराने की साजिशें शुरू हो गईं, लेकिन जनता का आशीर्वाद उनके साथ है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों और वंचित वर्गों के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है।
विपक्ष पर निशाना: Hemant Soren ने साजिशों और चुनावी गिद्धों से किया आगाह।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार गरीबों का बिजली बिल और किसानों का कर्ज माफ कर रही है, जबकि केंद्र सरकार बड़े पूंजीपतियों के करोड़ों रुपये माफ कर रही है। उन्होंने राज्य में होने वाले आगामी चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों से राजनीतिक गिद्ध झारखंड में मंडराने लगे हैं, जो जाति, धर्म और अन्य विभाजनकारी मुद्दों पर जनता को भटकाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने जनता से ऐसे राजनीतिक गिद्धों से सावधान रहने की अपील की।
45 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ: 322 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।
‘मईयां सम्मान योजना’ के बारे में झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत अब तक 48 लाख 15 हजार महिलाओं का निबंधन हो चुका है। इनमें से 45 लाख 36 हजार 597 महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने की 15 तारीख को एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
शुरुआत में यह योजना 21 से 50 साल की महिलाओं के लिए थी, लेकिन अब इसमें 18 से 20 वर्ष की महिलाओं को भी जोड़ा गया है, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं इस लाभकारी योजना का हिस्सा बन सकें।