Jamtada: जामताड़ा में वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ मुस्लिम मंच के नेतृत्व में सोमवार को ज़बरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शहर की सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में विरोध की तख्तियाँ थाम रखी थीं और काली पट्टियाँ बांधकर अपना आक्रोश जाहिर किया।
प्रदर्शनकारियों ने “नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद”, “अमित शाह मुर्दाबाद”, “तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी”, और “भारतीय जनता पार्टी मुर्दाबाद” जैसे तीखे नारे लगाए। मुस्लिम मंच के नेताओं ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड बिल मुस्लिम समाज के खिलाफ एक सोची-समझी साज़िश है, जिसके ज़रिए उनकी ज़मीनों पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
मंच के नेताओं ने जताई गहरी आपत्ति
मंच के नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह बिल समाज के हक और अधिकारों को छीनने वाला है। उनका कहना था कि सरकार इस बिल को जबरन थोप रही है, जबकि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक ज़मीनों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
“अपनी ज़मीन किसी भी हाल में नहीं देंगे”
प्रदर्शन के दौरान मंच के वरिष्ठ नेताओं ने घोषणा की कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, वे अपनी ज़मीनें किसी भी कीमत पर नहीं देंगे और इसके खिलाफ उनकी लड़ाई अंत तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि समुदाय की अस्मिता और अधिकारों का सवाल है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन संदेश तीखा
हालांकि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लोगों के चेहरे पर आक्रोश साफ झलक रहा था। शहर के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने एकजुट होकर सरकार को चेताया कि यदि इस बिल को वापस नहीं लिया गया, तो विरोध और तेज़ होगा।
जामताड़ा में हुए इस प्रदर्शन ने राज्य सरकार और केंद्र के प्रति नाराज़गी को खुलकर सामने ला दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विरोध को किस तरह से लेती है और क्या कोई संवाद की पहल की जाती है या नहीं।
रिपोर्ट: रतन कुमार मंडल