Hemant Soren: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, और इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा आयोजित की जा रही ‘परिवर्तन यात्राओं’ पर CM Hemant Soren ने तीखा हमला बोला है।
गढ़वा जिले में एक सरकारी कार्यक्रम ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ को संबोधित करते हुए सोरेन ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “झारखंड में गिद्धों का झुंड आ रहा है।”
‘गिद्धों का झुंड’ बयान पर Hemant Soren का निशाना
हेमंत सोरेन ने बीजेपी की परिवर्तन यात्राओं को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि अन्य राज्यों से बीजेपी के नेता झारखंड में आएंगे और जाति-धर्म के नाम पर सांप्रदायिक तनाव फैलाएंगे। उन्होंने कहा, “गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के नेता गांव-गांव जाकर झारखंड के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश करेंगे।” सोरेन ने इसे अमीर और गरीब के बीच की लड़ाई बताया, जिसमें एक ओर पूंजीपतियों का समूह है, तो दूसरी ओर आदिवासी, गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग।
बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ का उद्देश्य
बीजेपी 20 सितंबर से 3 अक्टूबर तक राज्यभर में छह ‘परिवर्तन यात्राएं’ निकालेगी, जिसका मकसद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार की कथित विफलताओं को उजागर करना और विधानसभा चुनावों में इस सरकार को सत्ता से बाहर करना है। इन यात्राओं के दौरान बीजेपी नेता 81 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए 5,400 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। बीजेपी के नेताओं का दावा है कि वे राज्यभर में हर गांव और पंचायत तक पहुंचकर लोगों को झामुमो सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे।
Hemant Soren का बीजेपी पर गंभीर आरोप
सोरेन ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनकी यात्राओं का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है और वे झारखंड में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने जनता को सतर्क रहने की अपील की और कहा कि “यह चुनाव पूंजीपतियों और गरीबों के बीच की लड़ाई है।”
चुनावी तैयारी और रणनीति
बीजेपी की इस परिवर्तन यात्रा को आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है, जो साल के अंत तक आयोजित होंगे। इस यात्रा के माध्यम से बीजेपी झारखंड में सत्ता वापसी का प्रयास कर रही है, जबकि हेमंत सोरेन अपनी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए पूरे राज्य में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।
हेमंत सोरेन के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति और भी गरमा गई है, और आगामी चुनावों के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। दोनों पक्षों के बीच यह लड़ाई अब केवल राजनीतिक नहीं रही, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों तक जा पहुंची है, जिसमें आदिवासी और गरीबों के हितों का भी खासा जिक्र हो रहा है।