Bihar सरकार की नई योजना: पर्यटन बढ़ाने को ‘मुख्यमंत्री होम स्टे’

Bihar सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री होम स्टे योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, पर्यटक अब पर्यटन स्थलों के आसपास के घरों में ठहर सकेंगे, जिससे स्थानीय निवासियों को भी आय का स्रोत मिलेगा।

योजना का उद्देश्य और लाभ

योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय लोग अपने घरों के एक से छह कमरे पर्यटकों को किराये पर उपलब्ध करा सकें। इससे पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति के करीब रहने का अनुभव मिलेगा, वहीं घर के मालिकों को आर्थिक सहायता भी प्राप्त होगी। योजना के तहत मकान मालिकों को सरकार की ओर से प्रति कमरे ढाई लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा, जिस पर सरकार पांच साल तक ब्याज का भुगतान करेगी।

प्रथम चरण और कार्यान्वयन

योजना का प्रथम चरण 15 जिलों के 28 प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास लागू किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों से पांच किलोमीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में दस किलोमीटर के दायरे में स्थित मकान मालिक अपने घरों का निबंधन करा सकते हैं। मकान मालिकों को अपने कमरे साफ-सुथरे रखने होंगे, साथ ही बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय और स्नानागार भी अनिवार्य होंगे।

किराया निर्धारण और निबंधन

मकान मालिक अपने कमरों का किराया स्वयं तय करेंगे, और सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगी। जिन मकानों में मकान मालिक स्वयं नहीं रहते, वहां एक संचालक नियुक्त करना होगा। साथ ही, मकान मालिकों को समय-समय पर कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।

टूर ऑपरेटरों की भूमिका

टूर ऑपरेटर इस योजना के तहत पर्यटकों को इन घरों में ठहरने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सरकार द्वारा इन घरों का पता, फोन नंबर और अन्य जानकारी पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि पर्यटक आसानी से बुकिंग कर सकें।

आर्थिक सहायता और उन्नयन

योजना में चयनित मकान मालिकों को अपने कमरों के उन्नयन के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी। अगर कोई मकान मालिक अपने कमरे को उन्नत करना चाहता है, तो उसे तीन महीने के भीतर काम पूरा करना होगा। यदि कोई व्यक्ति योजना को बीच में ही छोड़ता है, तो ब्याज की राशि वापस करनी होगी।

मुख्यमंत्री होम स्टे योजना से न केवल स्थानीय लोगों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलेगा, बल्कि पर्यटकों को भी बिहार की सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।

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