दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक Arvind Kejriwal ने हाल ही में जनता के सामने अपने आवास और इस्तीफे से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की।
Arvind Kejriwal का बंगला छोड़ने का ऐलान
रामलीला मैदान में आयोजित ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि वह कब मुख्यमंत्री का बंगला खाली करेंगे। अपने संबोधन में केजरीवाल ने कहा, “कुछ ही दिनों में मैं मुख्यमंत्री का बंगला छोड़ दूंगा, और इस समय मेरे पास दिल्ली में रहने के लिए घर भी नहीं है।”
मजाक में कहा, “आपके घर में रहने आ सकता हूं”
उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उन्हें कई लोगों के फोन आ रहे हैं, जो उन्हें अपने घर में रहने का प्रस्ताव दे रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि अभी श्राद्ध का समय चल रहा है, और नवरात्र शुरू होने के बाद वह बंगला छोड़ देंगे। उन्होंने कहा, “आप में से किसी के भी घर में रहने आ सकता हूं।”
अन्ना आंदोलन के संघर्षों को किया याद
केजरीवाल ने अपने संघर्ष के पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें जंतर मंतर पर 2011 का अन्ना आंदोलन याद आ गया, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा कि उस समय की सरकार ने उनकी बातों को नहीं माना और उन्हें चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। केजरीवाल ने गर्व के साथ कहा, “हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती है।”
सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला
अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जनता को मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, और बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा जैसी सुविधाएं प्रदान कीं, जो पहले कभी नहीं मिली थीं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने षड्यंत्र रचकर उनके बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, जिसमें मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।
केजरीवाल ने कहा, “सिसोदिया ने 75 सालों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया।”
आखिर में, केजरीवाल ने बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी नीतियों पर चिंतन करें और इस तरह की हरकतों का समर्थन न करें।