Latehar: लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत चैनपुर पंचायत के ग्राम औराटोली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की जान को खतरे में डालकर शिक्षण कार्य हो रहा है। विद्यालय भवन इतना जर्जर हो चुका है कि प्रत्येक दिन टूट कर छत का प्लास्टर गिरता है। छत में लगा सरिया भी पूरी तरह जंग लगा हुआ कमजोर छत से झांकता नजर आ रहा है। इसके बावजूद बच्चे इसी छत के नीचे पढ़ने को विवश है। कुछ दिनों पूर्व तक यहां कार्यरत शिक्षिका विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए बच्चो को विद्यालय भवन के बाहर बने झोपड़ी में पढाया जा रहा था। लेकिन भारी बारिश ने बच्चों से उनका यह छत भी छीन लिया। झोपड़ी की स्थिति भी पूरी तरह जर्जर हो गई। जिसके बाद बच्चे दोबारा जर्जर हो चुके विद्यालय भवन के बरामदा में ही बैठकर पढ़ाई करने को विवश हो गए।
शुक्रवार को कक्षा शुरू होने से पहले ही छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान बच्चे वहां उपस्थित नहीं थे। वही सुबह की प्रार्थना के बाद लोटें बच्चों ने साफ कर उसी जगह पर दोबारा बैठकर अपना पठन-पाठन का कार्य आरंभ किया। वही कार्यरत शिक्षिका से इस संबंध में पूछने पर बताया की प्रतिदिन विद्यालय का छत इसी तरह टूट कर गिरता रहता है। वही बारिश होने के बाद इधर-उधर भाग कर बच्चों को बारिश से बचना पड़ता है। कुछ दिन पूर्व तक विद्यालय के बाहर की झोपड़ी में पढ़ाई का कार्य चल रहा था। वहीं पिछले दिनों अखबारों में खबर छपने के बाद अधिकारी पहुंचे जो झोपड़ी की जर्जर स्थिति को देखते हुए यहां से भी बच्चों को हटाते हुए विद्यालय भवन के बरामदा में ही पढ़ने का निर्देश दिया।
विद्यालय में कुल 24 छात्र नामांकित है। लेकिन भव्य के कारण अभिभावक भी बच्चों को विद्यालय नहीं भेजते। वहीं पास में मवेशी चरा रहे एक युवक ने शिक्षा विभाग पर तंज़ कसते हुए कहा कि झोपड़ी में शिक्षा छत से पानी टपकती है। बच्चे ज्यादा शिक्षित हो जाएंगे यह सोचकर वहां से हटा दिया गया।
तेज धूप और बारिश होने से बच्चे लौट जाते घर
अभी बरसात का मौसम हैं। जिससे हर रोज बारिश होते रहती हैं। खपरैल भवन से पानी टपकने लगता है जहां बच्चों को पढ़ने ने दिक्कत आती हैं। खपरैल भवन में एक भी दरवाजा नहीं है। झाड़ी का बना हुआ दरवाजा लगाकर किसी तरह काम चलाते हैं। बताते चले की खपरैल घर में भी एक भी दरवाजा नही हैं। पुराने स्कूल भवन इतना जर्जर हो गया की हर दिन छत टूट टूट का गिरता है
स्कूल के रसोइया सरिता देवी ने बताया की स्कूल का हालत काफी खराब हो गया है। देखने वाला कोई भी नही है।
स्थानीय ग्रामीण लॉरेंस ने बताया कि स्कूल का हालत जर्जर बना हुआ। कई बार लिखित आवेदन दिया जा चुका ।लेकिन आज तक कोई पहल नहीं किया गया है । 5 साल से इसी खपरैल भवन में चल रहा है स्कूल।
औराटोली प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक उर्सेला केरकट्टा ने बताया कि कई सालों से स्कूल भवन काफी जर्जर हो चुकी। कई बार विभाग को इसकी लिखित आवेदन देकर मरम्मत करने की मांग की गई है। लेकिन आज तक विभाग की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी है। खपरैल घर के एक रूम में स्कूल चलाने को मजबूर है। स्कूल का बरामदा साफ करने के बाद पढ़ाई शुरू हुई। वही यह विद्यालय में बुथ भी बनाया गया है। जिसका बुथ नम्बर 284 है। इस बुथ में ग्राम खपरताला और औराटोली के कुल 536 मतदाता वोट करने आते है।
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