Samrat Choudhary: बिहार की राजनीतिक गलियारों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मतदाता सूची से अपने नाम कटने का दावा करने के बाद उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने तीखा तंज कसा है।
तेजस्वी यादव का हमेशा से दीघा विधानसभा में मतदाता सूची में नाम रहा है। और उनका एपिक नंबर RAB0456228 है। इसी वोटर कार्ड के आधार पर वो 2015 और 2020 में चुनाव लड़े हैं।
– 2015 विधानसभा चुनाव – बूथ न . 150 – सीरियल न. 605
– 2020 विधानसभा चुनाव – बूथ न . 160 – सीरियल न. 511
-…— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) August 2, 2025
सम्राट चौधरी ने कहा है कि जब तेजस्वी खुद अपने नाम को मतदाता सूची में नहीं खोज पा रहे हैं, तो उनकी योग्यता पर पूरे बिहार को संदेह होना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी का यह दावा भ्रामक, तथ्यहीन और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को बदनाम करने वाला है।
Samrat Choudhary News: ड्राफ्ट मतदाता सूची में तेजस्वी का नाम प्रमाणित
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चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि गहन पुनरीक्षण के बाद जारी मतदाता सूची के ड्राफ्ट में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम उनके फोटो सहित क्रमांक संख्या 416 पर दर्ज है।
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जिला प्रशासन के अनुसार उनका मतदान केंद्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन) में नाम दर्ज है।
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चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक बयान में तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए प्रमाण सहित कहा कि उनका नाम सूची में उपलब्ध है।
Samrat Choudhary News: सम्राट चौधरी का तंज और विपक्ष को चेतावनी
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सम्राट चौधरी ने कहा, “तेज़स्वी जी, आपको अपना नाम खोजने में कठिनाई हो रही है, लेकिन नाम है और ससम्मान है।”
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उन्होंने विपक्षी नेता पर जनता को गुमराह करने और फर्जीवाड़े की दुकानदारी चलाने का आरोप लगाया।
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डिप्टी सीएम ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करें और तथ्य आधारित संवाद करें।
तेजस्वी यादव के आरोप
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तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनके नाम को वोटर लिस्ट से हटाया गया है और जब उन्होंने चुनाव आयोग के एप्लीकेशन में अपना ईपिक नंबर डाला तो “रिकॉर्ड नॉट फाउंड” लिखा आया।
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उन्होंने चुनाव आयोग पर पूरी तरह पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग “गोदी आयोग” बन गया है।
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साथ ही उन्होंने चिंता जताई कि अगर उनका नाम हट सकता है, तो बिहार के लाखों गरीबों के नाम भी काटे जा रहे होंगे।
बिहार में मतदाता सूची को लेकर तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग के बीच हुए इस विवाद को लेकर राजनीति गरमा गई है। हालांकि चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने तेजस्वी के नाम का मतदाता सूची में होना स्पष्ट कर दिया है, लेकिन यह मामला अब भी राजनीतिक रस्साकशी का विषय बना हुआ है। इस दांव-पेंच के बीच लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता का सवाल भी उठा है।
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