Matdata Adhikar Yatra: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है। 10 अगस्त 2025 से विपक्षी इंडिया गठबंधन के बड़े चेहरे, कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राज्यव्यापी ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ शुरू कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी यात्रा के अगले चरणों में जुड़ेंगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों, बेरोजगारी, अपराध, पलायन और एनडीए सरकार की नाकामयाबी को जनता के बीच उजागर करना है।
Matdata Adhikar Yatra का कार्यक्रम और रूट
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10 अगस्त: यात्रा का शुभारंभ सासाराम से होगा।
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पहला चरण (10-13 अगस्त): सासाराम से औरंगाबाद होते हुए गया तक—चार दिनों की यात्रा।
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ब्रेक (14-15 अगस्त): दो दिन का विश्राम।
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दूसरा चरण (16 अगस्त से): गया से नवादा, जमुई, भागलपुर, सीमांचल—विभिन्न जिलों से होते हुए मिथिलांचल तक जाएगी।
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राहुल और प्रियंका गांधी की यात्रा 30 से अधिक जिलों से गुजरेगी और हर प्रमंडल को कवर करने की रणनीति है।
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पदयात्रा के साथ-साथ जिलों में जनसभाएँ भी होंगी ताकि बूथ स्तर तक संगठन की ऊर्जा और मुद्दों का प्रसार हो।
Matdata Adhikar Yatra का उद्देश्य और राजनीतिक पृष्ठभूमि
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यात्रा के दौरान महागठबंधन (इंडिया) के नेता मतदाता सूची (SIR) विवाद, अपराध, बेरोजगारी, विकास, चुनाव आयोग की पारदर्शिता, एनडीए सरकार की “विफलताओं” जैसे मुद्दों को आक्रामक ढंग से उठाएँगे।
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मतदाता पुनरीक्षण (SIR) में नाम काटे जाने और दस्तावेज़ीकरण को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है; कांग्रेस ने इसे “मतदान अधिकारों की हत्या” तक बताया है।
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यात्रा का लक्ष्य बूथ स्तर तक NDA सरकार की नीतियों की नाकामी को लेकर ‘जन-जागरण’ और कार्यकर्ताओं में चुनावी जोश भरना है।
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इस यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा विरोधी INDIA गठबंधन के अन्य दलों के बड़े नेता भी समय-समय पर साथ रहेंगे।
Matdata Adhikar Yatra: महागठबंधन की तैयारी और रणनीति
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2 अगस्त को तेजस्वी यादव के पटना आवास पर इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की अहम बैठक हुई थी। इसमें राहुल गांधी की यात्रा योजना को हरी झंडी दी गई थी।
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यात्रा के हर जिले-प्रमंडल में महागठबंधन के सभी बड़े नेता मंच साझा करेंगे और स्थानीय मुद्दों को लोगों के सामने उठाएंगे।
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यह यात्रा विपक्ष के लिए सीट-टू-सीट नेटवर्किंग और बूथ स्तर तक फीडबैक-आउटरीच का सबसे बड़ा चुनावी अभियान बन सकती है।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव जैसी बड़ी सियासी हस्तियों की पदयात्रा बिहार चुनावी मौसम में विपक्षी एकता, मतदाता अधिकार और चुनावी पारदर्शिता का बड़ा संदेश बन सकती है।
राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि यह यात्रा बिहार की चुनावी राजनीति का एजेंडा और बहस दोनों बदल सकती है।
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