Pakistan ने 7 अरब डॉलर के IMF पैकेज के लिए रखे गए 5 प्रमुख लक्ष्यों में से 3 पूरे नहीं किए हैं:
-
प्रांतीय बचत (1.2 ट्रिलियन PKR): प्रांतीय सरकारें बढ़ते खर्च के कारण निर्धारित 1.2 ट्रिलियन रुपये की बचत नहीं कर पाईं, सिर्फ 921 अरब ही बचा सकीं।
-
एफबीआर से टैक्स कलेक्शन (12.3 ट्रिलियन PKR): फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू तय किया गया टैक्स कलेक्शन टारगेट भी पूरा नहीं कर सका।
-
ताजिर दोस्त स्कीम (50 अरब PKR): खुदरा कारोबारियों से टैक्स वसूली हेतु बनाई गई स्कीम से 50 अरब का लक्ष्य पूरी तरह फेल हो गया.
Pakistan News: किन मोर्चों पर मिला पॉजिटिव रिजल्ट?
-
प्राइमरी बजट सरप्लस: पाकिस्तान ने 2.4 ट्रिलियन PKR के IMF लक्ष्य से अधिक (2.7 ट्रिलियन PKR) प्राइमरी बजट सरप्लस दिया, जो लगातार दूसरा साल है और 24 वर्षों में सबसे बेहतर।
-
वित्तीय घाटा: कुल वित्तीय घाटा GDP के 5.4% तक सीमित रहा, जो IMF अनुमान (6.2 ट्रिलियन PKR) से बेहतर है.
Pakistan News: अगली किश्त मिलने की कितनी उम्मीद?
-
चुनौतियाँ: IMF के सबसे प्रमुख फिस्कल लक्ष्यों में चूक के बावजूद प्राइमरी बजट सरप्लस का शानदार प्रदर्शन पाकिस्तान के लिए राहत बन सकता है।
-
IMF का रुख: मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी अफसरों के हवाले से संकेत है कि IMF की अगली किश्त (करीब 1 अरब डॉलर) मिलने में “गंभीर बाधा” नहीं आएगी, क्योंकि कुछ बड़े क्वांटिटेटिव टारगेट्स पूरे हुए हैं और सुधार की प्रक्रिया चल रही है।
-
अगली समीक्षा: IMF की अगली समीक्षा सितंबर 2025 में प्रस्तावित है और आधिकारिक स्तर पर सरकार को उम्मीद है कि किश्त जारी होगी.
पाकिस्तान ने IMF के तीन अहम टारगेट्स (राजस्व, राज्य स्तरीय बचत, खुदरा कर वसूली) में चूक जरूर की, लेकिन फाइनेंशियल डिसिप्लिन और प्राइमरी सरप्लस के कारण अगली किश्त मिलने की संभावना अभी भी मजबूत दिख रही है। IMF समीक्षा में सुधार का उल्लेख है, इसलिए फिलहाल किश्त अटकने की आशंका कम है, मगर भविष्य के लिए सुधारों की रफ़्तार स्थिर रखना जरूरी है।
यह भी पढ़े: Nirsa News: मुगमा में CPI(ML) ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन दी श्रद्धांजलि