Delhi: दिल्ली में मुख्यमंत्री Atishi को सरकारी आवास आवंटित करने के मामले में एक नया विवाद सामने आया है।
Atishi: उपराज्यपाल सचिवालय का आरोप
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के सचिवालय की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि अरविंद केजरीवाल ने गुप्त तरीके से अपने पूर्व आवास की चाबियां आतिशी को सौंप दीं, जो पीडब्ल्यूडी के नियमों का उल्लंघन था। सचिवालय ने कहा कि सरकारी आवास का आवंटन एक निश्चित प्रक्रिया के तहत होता है, जिसमें मानदंडों का पालन किया जाता है।
आवास आवंटन प्रक्रिया में अनियमितता का दावा
9 अक्टूबर को केजरीवाल ने फ्लैग स्टाफ रोड स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर उसकी चाबियां पीडब्ल्यूडी को सौंप दी थीं। 10 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी ने प्रक्रिया के तहत घर को सूचीबद्ध किया और अगले दिन इसे मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित कर दिया। बयान में दावा किया गया कि केजरीवाल ने इस प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए नियमों का उल्लंघन किया और चुपचाप चाबियां आतिशी को सौंप दीं।
AAP का पलटवार और राजनीतिक विवाद
इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए, जिससे राजनीतिक विवाद और बढ़ गया। सचिवालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, मुख्य न्यायाधीश और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए भी सरकारी आवास आवंटन की प्रक्रिया समान है, और केजरीवाल और आतिशी को भी इसका पालन करना चाहिए था।
बयान में आगे बताया गया कि 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित यह आलीशान घर, जहां केजरीवाल पहले रहते थे, का बिल्डिंग प्लान अभी तक एमसीडी द्वारा स्वीकृत नहीं हुआ है, और इसे कम्पलीशन सर्टिफिकेट भी नहीं मिला है, जिससे यह घर तकनीकी रूप से अवैध है। AAP की ओर से इस मामले में लगातार प्रतिक्रिया दी जा रही है, लेकिन यह विवाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में लगातार गर्मा रहा है।