MMSY: हेमंत सोरेन सरकार ने खोला खजाना, अब मिलेंगे इतने रुपये

मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना (MMSY) के तहत भाजपा ने सरकार बनने पर ‘गोगो दीदी योजना’ लॉन्च करने का वादा किया था, जिसमें महिलाओं को ₹2100 दिए जाने की बात थी।

लेकिन अब हेमंत सोरेन सरकार ने मइया सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली राशि को ₹1000 से बढ़ाकर ₹2500 कर दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा अपनी क्या रणनीति अपनाती है।

MMSY: मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना में बड़ा इजाफा

चुनावों से ठीक पहले, झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने मइया सम्मान योजना की राशि में वृद्धि करते हुए खजाना खोल दिया है। इस योजना के तहत अब महिलाओं को ₹1000 की बजाय ₹2500 मिलेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई। राज्य की कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने जानकारी दी कि फिलहाल 18 से 50 साल की लगभग 50 लाख महिलाओं को यह सहायता दी जा रही है, और अब तक तीन किस्तों का भुगतान हो चुका है।

MMSY: दिसंबर से बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलेगा

उन्होंने यह भी बताया कि दिसंबर से महिलाओं को इस बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। अब उन्हें सालाना ₹12,000 के बजाय ₹30,000 दिए जाएंगे। इसका लाभ कुल 53 लाख महिलाओं को मिलेगा, जिसके चलते सरकार पर ₹9000 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। चुनावों के ऐलान से पहले सरकार का यह कदम हेमंत सोरेन का बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है।

भाजपा की योजना के जवाब में मइया सम्मान योजना की राशि बढ़ी

इस योजना के तहत सरकार राज्यभर में महिला सम्मान यात्रा निकाल रही है। भाजपा ने 5 अक्टूबर को ‘मइया सम्मान योजना’ के जवाब में ‘गोगो दीदी योजना’ लाने की घोषणा की थी, जिसके तहत महिलाओं को प्रतिमाह ₹2100 देने का वादा किया गया था। इसके तुरंत बाद, हेमंत सोरेन सरकार ने मइया सम्मान योजना की राशि को दो महीने के भीतर ढाई गुना बढ़ा दिया।

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले

कैबिनेट की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। एक अहम फैसले के तहत झारखंड के 62,000 पारा शिक्षकों (सहायक शिक्षकों) को ईपीएफ का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा, दिव्यांग और अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा के दौरान उनकी ट्यूशन फीस सरकारी खजाने से देने का निर्णय भी लिया गया है।

असम में रहने वाले झारखंडी आदिवासियों के लिए योजना

कैबिनेट ने यह भी तय किया कि राज्य के अल्पसंख्यक स्कूलों के रूप में संचालित मदरसों को पूरी तरह राज्य योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके अलावा, असम में रहने वाले झारखंड के 15 लाख आदिवासियों के कल्याण के लिए विशेष योजना लाई जाएगी, जिन्हें असम में एसटी का दर्जा नहीं मिला है।

राज्य सरकार ने इन आदिवासियों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए सर्वदलीय टीम असम भेजने का प्रस्ताव भी मंजूर किया, ताकि उनकी भलाई के लिए योजनाएं शुरू की जा सकें।

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