राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार विवाद की वजह बने हैं उनके बड़े बेटे Tej Pratap Yadav, जिनकी निजी जिंदगी अब खुलकर राजनीति के मंच पर छा गई है।
आकाश यादव और कुछ जयचंदो के द्वारा हमारी फोटो को वायरल कर देना, हमारी राजनीति को खत्म करने की साजिश है।
लेकिन इन जयचंदों को अभी पता नहीं कि हमारा नाम तेज प्रताप यादव है। तुम जैसे टूटपूंजियां लोगों से हमारा राजनीतिक जीवन खत्म नहीं होगा बल्कि हम और मजबूती के साथ आगे बढ़ेंगे।
कोई… pic.twitter.com/MH8iyKp7dj
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 18, 2025
हाल ही में सोशल मीडिया पर तेज प्रताप और अनुष्का की कुछ निजी तस्वीरें वायरल हुईं, जिसके बाद यादव परिवार और पार्टी के भीतर भूचाल आ गया। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब तेज प्रताप ने सीधे तौर पर अनुष्का के भाई आकाश यादव को इसके पीछे जिम्मेदार ठहराते हुए उसे “जयचंद” कह डाला।
लालू प्रसाद यादव का कड़ा रुख और Tej Pratap Yadav को पार्टी से बाहर करने का बड़ा फैसला
तेज प्रताप की बढ़ती विवादित गतिविधियों और इस पूरे मामले से पार्टी की छवि धूमिल होने पर लालू प्रसाद यादव ने सख्त कदम उठाया। उन्होंने न सिर्फ तेज प्रताप को आरजेडी से बेदखल किया, बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी दूरी बना ली। माना जा रहा है कि लालू का यह निर्णय राजनीतिक मजबूरी के साथ-साथ पारिवारिक अनुशासन को बचाने की कोशिश है।
अनुष्का के भाई आकाश यादव पर तेज प्रताप का बड़ा आरोप और “जयचंद” की उपमा
तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह साजिश उन्हीं के परिवार के भीतर से रची गई है। उनका आरोप है कि अनुष्का के भाई आकाश यादव ने निजी तस्वीरें लीक कर उनकी छवि धूमिल करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में कई विरोधी हैं, लेकिन सबसे बड़ा धोखा तो घर के ही लोग दे रहे हैं।
तेज प्रताप ने आकाश यादव को “जयचंद” बताते हुए कहा कि परिवार के नाम और मान-सम्मान को बेचने वाले लोग किसी से छिपे नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि वह चुप नहीं बैठेंगे और इसका राजनीतिक व सामाजिक जवाब जरूर देंगे।
परिवार और पार्टी के भीतर गहराती दरार और नेताओं की बढ़ती नाराजगी
इस पूरे प्रकरण ने आरजेडी परिवार को दो हिस्सों में बांट दिया है। जहां तेजस्वी यादव और मीसा भारती चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं लालू और राबड़ी देवी इस विवाद से साफ दूरी बनाए हुए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि व्यक्तिगत मामलों को सार्वजनिक करके तेज प्रताप ने संगठन और परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है।
बिहार की सियासत पर विवाद का असर और विपक्ष को मिला हमले का मौका
विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव का यह विवाद न सिर्फ पारिवारिक राजनीति बल्कि आगामी बिहार चुनावों पर भी असर डाल सकता है। आरजेडी पहले ही महागठबंधन की रणनीति में व्यस्त है और ऐसे समय पर यह विवाद विरोधियों को हमला करने का मौका दे रहा है। भाजपा और जदयू के नेता पहले ही इस मुद्दे को लेकर आरजेडी की पारिवारिक राजनीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया और तेज प्रताप की छवि पर पड़ा असर
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग तेज प्रताप को बेबाक और भावुक नेता मानकर उनका समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग इसे उनकी अपरिपक्वता और राजनीतिक असफलता से जोड़ रहे हैं। खास बात यह है कि वायरल हुई तस्वीरों के बाद उनकी छवि पर गहरा असर पड़ा है।
निष्कर्ष: पारिवारिक विवाद और राजनीतिक भविष्य पर गहराए सवाल
तेज प्रताप यादव और आकाश यादव के बीच यह विवाद आगे किस मोड़ पर जाएगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि इसने राजद और यादव परिवार की सियासत को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू परिवार इस संकट से कैसे निपटता है और तेज प्रताप अपने आरोपों को किस तरह साबित करते हैं।