जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार Prashant Kishor ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए पीएम-सीएम अयोग्यता बिल का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र और सुशासन के लिए यह कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पर गंभीर अपराध या भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है और वह जेल जाता है, तो उसके पास शासन करने का कोई नैतिक और संवैधानिक अधिकार नहीं होना चाहिए।
जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के विश्वास का अपमान: Prashant Kishor
किशोर ने कहा “देश की राजनीति को स्वच्छ बनाने की दिशा में यह बिल जरूरी है। जनता ने नेताओं को शासन करने के लिए चुना है, जेल से सरकार चलाने के लिए नहीं। अगर कोई नेता जेल में है और फिर भी सरकार चला रहा है, तो यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है बल्कि जनता के विश्वास के साथ धोखा भी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई राज्यों में ऐसी परिस्थितियां देखने को मिली हैं जहां भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में नेताओं को जेल जाना पड़ा, लेकिन उनकी पकड़ सत्ता पर बनी रही। इस तरह का चलन लोकतंत्र को कमजोर करता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार, कहा यह तर्क केवल भ्रष्ट नेताओं को बचाने का प्रयास
इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यह कानून राजनीतिक प्रतिशोध का हथियार बनेगा। लेकिन प्रशांत किशोर का मानना है कि इस तरह के तर्क केवल भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा “अगर कोई निर्दोष है तो अदालत से उसे न्याय मिलेगा। लेकिन अगर अदालत ने सजा सुनाई है, तो फिर ऐसे व्यक्ति को जनता पर शासन करने का हक नहीं होना चाहिए। इस पर राजनीति करने के बजाय सभी दलों को मिलकर इसका समर्थन करना चाहिए।”
जन सुराज की राजनीति में पारदर्शिता और साफ छवि पर दिया गया जोर
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज की विचारधारा को जोड़ते हुए कहा कि उनकी राजनीति पारदर्शिता और साफ छवि पर आधारित है। उन्होंने दावा किया कि बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में जनता अब बदलाव चाहती है और वह भ्रष्टाचार मुक्त शासन के पक्ष में खड़ी है. उन्होंने मोदी सरकार से अपील की कि इस बिल को सिर्फ कागजों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे सख्ती से लागू भी किया जाए। साथ ही, इसमें ऐसे प्रावधान भी जोड़े जाएं जिससे किसी भी स्तर पर इसका दुरुपयोग न हो।
भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह राजनीति की दिशा में अहम कदम हो सकता है यह कानून: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर का यह बयान भारतीय राजनीति में नई बहस को जन्म देता है। जहां एक ओर विपक्ष इस बिल को लोकतंत्र के खिलाफ बता रहा है, वहीं किशोर जैसे राजनीतिक रणनीतिकार इसका खुलकर समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर भारत को वास्तव में भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह राजनीति की ओर बढ़ाना है, तो जेल में बंद नेता को सत्ता से बाहर करने का कानून जरूरी है।