Ranchi: सरला बिरला विश्वविद्यालय (SBU) का दूसरा दीक्षांत समारोह शनिवार को उल्लास और गर्व के माहौल में संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालय के 43 मेधावी छात्रों को ‘बसंत कुमार बिरला स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया और 5 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर ‘मिलेट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर डॉ. खादर वली को पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह में कुल 1664 छात्रों को विभिन्न संकायों की डिग्रियाँ प्रदान की गईं। राज्यपाल ने छात्रों को ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि “तेजी से बदलती दुनिया में नवाचार और सामाजिक योगदान आवश्यक हैं। युवा ही कल के नेता हैं और उन्हें लगातार सीखते रहना चाहिए।”
डॉ. खादर वली ने दी प्राकृतिक जीवनशैली की सीख
मंच से अपने प्रेरणादायक संबोधन में डॉ. खादर वली ने प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने और श्रीधान्य (मोटे अनाज) को दैनिक आहार में शामिल करने पर बल दिया। उन्होंने कहा, “विकास के नाम पर हमने प्रकृति को बहुत नुकसान पहुँचाया है। हमें अपने पारंपरिक जीवन मूल्यों की ओर लौटना होगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करनी होगी।”
कुलाधिपति ने साझा किया बिरला परिवार का विजन
विश्वविद्यालय की माननीया कुलाधिपति श्रीमती जयश्री मोहता ने स्व. बी. के. बिरला और स्व. सरला देवी बिरला के शिक्षा और समाजसेवा में योगदान को याद करते हुए बताया कि एसबीयू केवल शिक्षा नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और नैतिक विकास पर भी बल देता है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग और NEP-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों को अपडेट करने की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की।
शिक्षा में उत्कृष्टता की ओर SBU का कदम
शासी निकाय के सदस्य श्री अनंत जाटिया ने विश्वविद्यालय की आठ वर्षों की यात्रा को गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने आधारभूत संरचना, आधुनिक सुविधाओं और शैक्षणिक समझौतों को विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियाँ बताया। कुलपति प्रो. सी. जगनाथन ने SBU की शैक्षणिक प्रगति, छात्रों की उपलब्धियाँ और भावी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
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विशेष उपस्थिति और सजीव माहौल
इस गरिमामयी अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति श्री बिजय कुमार दलान, महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक, राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो. एस.बी. डांडीन ने किया।
बॉक्स: श्रीधान्य अपनाएं, सेहत और भविष्य बचाएं
डॉ. खादर वली, जिन्हें हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है, देशभर में पिछले ढाई दशकों से मोटे अनाज के उपयोग और प्राकृतिक जीवनशैली के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने बाजरा और श्रीधान्य को गंभीर बीमारियों के समाधान के रूप में प्रस्तुत किया है और इसे खाद्य सुरक्षा तथा ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने का कारगर उपाय माना है।