झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री Maiya Samman Yojana पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इस याचिका को सुनने के बाद निष्पादित कर दिया।
सिमडेगा निवासी विष्णु साहू द्वारा दायर इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सीधे खाते में राशि देना चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता की दलील: सीधे खाते में पैसा देना अनुचित
याचिकाकर्ता का कहना था कि किसी व्यक्ति विशेष को सीधे खाते में पैसे देने की बजाय, सरकारी राशि का उपयोग ऐसी योजनाओं में होना चाहिए जिनसे पूरे समाज को लाभ मिले। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वृद्धा पेंशन और विकलांग पेंशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं पिछले चार महीनों से बंद पड़ी हैं और इस नई योजना का उद्देश्य चुनावी लाभ प्राप्त करना है। अदालत ने इन तर्कों को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
यह भी पढ़े: Amit Shah ने गिरिडीह में पहले चरण का पेपर लीक किया, कहा- JMM का सूपड़ा साफ हो गया
हेमंत सोरेन का प्रतिक्रिया: राज्य की ‘मंइयां’ की जीत
इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि “राज्य की मंइयां जीत गई और तानाशाह हार गया।” उन्होंने कहा कि भाजपा इस योजना को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन उनकी सरकार योजना के तहत 57 लाख महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती रहेगी।
उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि भाजपा द्वारा योजना बंद करवाने के प्रयासों के बावजूद, वे झारखंड की जनता के लिए अदालतों में भी लड़ाई जारी रखेंगे।
भाजपा पर सीधा आरोप: जनता के हितों की अनदेखी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पोस्ट में भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों में रुकावट डाल रही है और मंइयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता देने के उनके कदम को रोकने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। उनका कहना है कि राज्य की गरीब महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं, और उनकी सरकार इसके माध्यम से महिलाओं की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।