Jharkhand Chunav: दूसरे चरण में सियासी दिग्गजों की अग्निपरीक्षा

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Chunav) के दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों पर कुल 528 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 472 पुरुष, 55 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर शामिल हैं।

पिछले चुनावों की तुलना में उम्मीदवारों की संख्या कम है, लेकिन मुकाबला और भी कठिन हो गया है। खिजरी और टुंडी सीटों पर सबसे ज्यादा 20-20 प्रत्याशी हैं। यह चरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी जेएमएम के लिए खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उनके पारंपरिक गढ़ संथाल परगना की 18 सीटें भी शामिल हैं।

सीट प्रत्याशी
राजमहल 14
बोरियो 15
बरहेट 09
लिट्टीपाड़ा 09
पाकुड़ 16
महेशपुर 15
शिकारीपाड़ा 11
नाला 13
जामताड़ा 18
दुमका 17
जामा 17
जरमुंडी 13
मधुपुर 13
सारठ 15
देवघर 17
पोड़ैयाहाट 7
गोड्डा 13
महगामा 10
रामगढ़ 18
मांडू 17
धनवार 24
बगोदर 13
जमुआ 08
गांडेय 15
गिरिडीह 14
डुमरी 12
बेरमो 12
बोकारो 14
चंदनक्यारी 08
सिंदरी 09
निरसा 09
धनबाद 18
झरिया 11
टुंडी 20
बाघमारा 13
सिल्ली 15
खिजरी 20

Jharkhand Chunav: जेएमएम और बीजेपी के लिए निर्णायक दौर

दूसरे चरण की 38 सीटों पर बीजेपी ने 33 और सहयोगी आजसू ने 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, जेएमएम 20 सीटों पर, कांग्रेस 13 पर, और आरजेडी 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2019 में जेएमएम और कांग्रेस ने मिलकर इन 38 में से 21 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार हेमंत सोरेन के लिए अपने मजबूत गढ़ को बचाए रखना चुनौती है। दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए यह चरण एक बड़ी परीक्षा होगी, खासकर संथाल परगना में।

Jharkhand Chunav: संथाल परगना, हेमंत सोरेन का किला

संथाल परगना को जेएमएम का गढ़ और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक दुर्ग माना जाता है। यह क्षेत्र 18 विधानसभा सीटों के साथ झारखंड की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है। हेमंत सोरेन खुद बरहेट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो संथाल परगना में ही है। बीजेपी इस क्षेत्र में संथाल जनजाति के अस्मिता के मुद्दे और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे सवालों को प्रमुखता से उठा रही है।

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बीजेपी ने इस क्षेत्र में जेएमएम को कड़ी चुनौती देने के लिए शिबू सोरेन के परिवार की ही सदस्य सीता सोरेन और सिद्धो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू को प्रचार का प्रमुख चेहरा बनाया है।

त्रिकोणीय मुकाबले और नए समीकरण
इस चरण में कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। डुमरी, बेरमो, और सिल्ली जैसे क्षेत्रों में जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम ने भी अपना जोर लगाया है। पिछले चुनाव में इन सीटों पर उनकी उपस्थिति प्रभावशाली रही थी। इस बार जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो खुद मैदान में हैं। दूसरी ओर, बदलते समीकरण और आदिवासी मतदाताओं का रुझान इस चुनाव के परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आने वाले मतदान से झारखंड की सत्ता का भविष्य तय होगा।

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