पशुपति पारस पर Chirag Paswan का तीखा प्रहार: “वे एनडीए में थे कब?”

लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री Chirag Paswan ने चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के नेता पशुपति कुमार पारस पर तीखा हमला किया है। चिराग ने कहा कि पशुपति पारस एनडीए में हैं ही नहीं, तो उनके अलग होने की बात बेमानी है।

Chirag Paswan का बड़ा बयान

पटना में मीडिया से बात करते हुए चिराग ने कहा, “अलग तो वह होता है जो साथ में हो। पशुपति पारस एनडीए में थे ही कब? वे लोकसभा चुनाव के समय भी एनडीए का हिस्सा नहीं थे और विधानसभा चुनाव के वक्त भी उन्हें गिनती में नहीं रखा गया।” चिराग के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया कि उनके और पशुपति पारस के बीच राजनीतिक दूरी बरकरार है।

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पटना स्थित कार्यालय को लेकर विवाद

पिछले दिनों बिहार सरकार ने पटना स्थित कार्यालय, जो पहले पशुपति पारस की पार्टी के कब्जे में था, खाली कराकर चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को सौंप दिया। इस घटना के बाद से पशुपति पारस नाराज चल रहे हैं। एनडीए छोड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं।

चिराग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “एनडीए से अलग होने की बात करने वाले पहले यह बताएं कि वे एनडीए में कब थे। उनका यह बयान सिर्फ सियासी चाल है।”

झारखंड और महाराष्ट्र पर Chirag Paswan का दावा

चिराग पासवान ने झारखंड और महाराष्ट्र के आगामी चुनावों में एनडीए की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, “दोनों राज्यों में जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और संदेश को आत्मसात कर चुकी है। परिणाम आने दीजिए, एनडीए बड़ी जीत हासिल करेगा और सरकार बनाएगा।”

बिहार की नौकरियों पर नीतीश सरकार को श्रेय

बिहार में रोजगार के मुद्दे पर चिराग ने नीतीश सरकार को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “बिहार में जो भी नौकरियां दी जा रही हैं, वे नीतीश कुमार की देन हैं। विपक्ष इस पर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जनता हकीकत जानती है।”

उन्होंने 90 के दशक का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में न तो रोजगार मिला और न ही विकास हुआ। “बिहार और देश उस समय को जंगलराज और अपराध के लिए जानता है।”

लोजपा में टूट और राजनीतिक खींचतान

चिराग और पशुपति पारस के बीच राजनीतिक मतभेद लोजपा में टूट के बाद से ही गहराते गए हैं। दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी बनाकर अलग रास्ते चुन लिए हैं। पटना कार्यालय विवाद के बाद चिराग का यह बयान पशुपति पारस के खिलाफ अब तक का सबसे तीखा हमला माना जा रहा है।

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