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Wednesday, September 3, 2025

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आज PM Modi-Jinping की बैठक, कल पुतिन से मुलाकात

तियानजिन, चीन। PM Modi: चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होने वाला शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन वैश्विक कूटनीति का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। इस समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकातें वैश्विक चर्चा का केंद्र बिंदु हैं।

PM Modi News: SCO शिखर सम्मेलन: एक महत्वपूर्ण मंच

शंघाई सहयोग संगठन, जो अब 20 से अधिक देशों के नेताओं और 10 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों की मेजबानी कर रहा है, क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद विरोधी उपायों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। 2025 का यह सम्मेलन चीन के लिए “ग्लोबल साउथ” की एकजुटता और अमेरिका के नेतृत्व वाली विश्व व्यवस्था के विकल्प के रूप में उभरने का एक अवसर है। यह समिट ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में अनिश्चितता बढ़ रही है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण।

PM Modi की चीन यात्रा: सात साल बाद पहली मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को तियानजिन पहुँचे। सात साल से अधिक समय के बाद चीन की यह उनकी पहली यात्रा है। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण भारत और अमेरिका के संबंधों में अचानक गिरावट आई है। रविवार को पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होने की उम्मीद है।

भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत की उम्मीद

गलवान घाटी की हिंसक झड़पों के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर था, लेकिन हाल के महीनों में दोनों देशों ने सीमा विवाद को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि मोदी और जिनपिंग के बीच होने वाली यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों में एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकती है। बैठक में सीमा विवाद, व्यापार, वीज़ा नियमों में ढील और जलवायु सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

भारत-रूस की मजबूत रणनीतिक साझेदारी

मोदी और पुतिन की मुलाकात 1 सितंबर को होगी, जो दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी। भारत रूस से तेल और रक्षा उपकरणों का एक प्रमुख खरीदार रहा है, और इस मुलाकात में ऊर्जा, रक्षा, और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

अमेरिका के टैरिफ और बदलती भू-राजनीति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और चीन सहित कई देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ ने इन देशों को वैकल्पिक गठजोड़ों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है। यह शिखर सम्मेलन भारत, चीन और रूस के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जो बदलती वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों को दर्शाता है।

 

 

 

 

 


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