बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 दिसंबर से अपनी ‘Mahila Sanwad Yatra’ पर निकलने वाले हैं, जिस पर राज्य सरकार ने 225 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है।
Mahila Sanwad Yatra: जनता के पैसे का दुरुपयोग: RJD
इस फैसले को लेकर बिहार की राजनीति गर्मा गई है। आरजेडी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग बताया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपनी छवि चमकाने के लिए सरकारी खजाने का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इसे राज्य की जनता की गाढ़ी कमाई का अपमान बताया और कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में इस तरह के खर्च उचित नहीं हैं।
मुख्यमंत्री की यात्राएं योजनाओं की समीक्षा और विकास कार्यों को गति देने के लिए होती हैं: JDU
दूसरी ओर, जदयू ने इस यात्रा का बचाव किया है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री की यात्राएं योजनाओं की समीक्षा और विकास कार्यों को गति देने के लिए होती हैं। उन्होंने इसे कोई नई बात नहीं बताया और कहा कि नीतीश कुमार हर साल ऐसी यात्राएं करते हैं। उन्होंने आरजेडी के आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य महिलाओं के कल्याण और सरकारी योजनाओं की प्रगति का आकलन करना है।
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Mahila Sanwad Yatra: बिहार में महिला मतदाता 48% हैं, और यह यात्रा उनके लिए केंद्रित है
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह यात्रा खास महत्व रखती है। बिहार में महिला मतदाता 48% हैं, और यह यात्रा उनके लिए केंद्रित है। माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान नीतीश कुमार महिलाओं के कल्याण के लिए कोई नई योजना की घोषणा कर सकते हैं, जिसमें उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान हो सकता है। इससे पहले महाराष्ट्र और झारखंड में महिलाओं को लक्षित योजनाओं से संबंधित दलों को राजनीतिक लाभ मिला है।