Dhanbad News: प्रताप नारायण सहाय, प्रोफेसर, भूकंप विज्ञान विभाग, सेंट्रो डी इन्वेस्टिगेशियोन सिएंटिफिका वाई डी एडुकेशियन सुपीरियर डी एनसेनडा, मेक्सिको ने आज एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग, आईआईटी (आईएसएम), धनबाद में एक विशेष व्याख्यान दिया। उनके टॉक का टॉपिक था “स्लो शियर वेव इन पोरोइलास्टिसिटी”।
कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. सौमेन ने मैती के स्वागत भाषण से की। इसके बाद प्रो पार्थ प्रतिम मंडल ने अतिथि वक्ता का बायोनोट पढ़ा. मौके पर विभाग के पूर्व हेड प्रो. संजीत पाल, प्रो. सौरभ दत्ता गुप्ता (एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर-इन-चार्ज, इंटरनेशनल रिलेशन और एलुमनाई अफेयर्स) तथा प्रो. स्वर्णदीप साहू सहित अन्य फैकल्टी मेंबर मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रो. सहाय को विभागाध्यक्ष और फैकल्टी ने सम्मानित किया।
प्रोफेसर सहाय ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैसे द्रव चिपचिपा तनाव शब्द के कारण छिद्रपूर्ण मीडिया में धीमी कतरनी तरंगें निकलती हैं। यह वेव फास्ट शियर वेव से अलग होती है क्योंकि इसमें फ्लूड और सॉलिड फेज़ का मूवमेंट आउट-ऑफ-फेज़ होता है। उन्होंने समझाया कि यह स्लो शियर वेव डिस्पर्सिव होती है और आधी वेवलेंथ में ही अटेन्युएट हो जाती है। उन्होंने बायोट थ्योरी की सीमाओं और डे ला क्रूज़-स्पैनोस पोरोइलास्टिसिटी थ्योरी के एडवांस पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
प्रो. सहाय आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एम.एससी. की उपाधि प्राप्त की। 1977 में एप्लाइड जियोफिजिक्स में। और 1986 में अल्बर्टा विश्वविद्यालय से पीएचडी। वे पोरोइलास्टिसिटी और वेव्स इन पोरोस मीडिया के क्षेत्र में इंटरनेशनल लेवल के एक्सपर्ट माने जाते हैं। स्टैनफोर्ड और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया सहित कई यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। 1995 से उन्होंने वर्कशॉप ऑन एप्लीकेशन ऑफ फिजिक्स ऑफ पोरोस मीडिया का आयोजन किया है, जो अब तक 10 बार हो चुका है।
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व्याख्यान से छात्रों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों को बहुत लाभ हुआ और यह उनके लिए एक समृद्ध शैक्षणिक अनुभव था।