संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान Congress और विपक्षी दलों ने अडाणी मामले पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया है।
मंगलवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने विपक्षी सांसदों के साथ संसद परिसर में अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। इस बार वे काले रंग के झोले लेकर पहुंचे, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के कैरिकेचर छपे थे। इन झोलों पर “मोदी-अडाणी भाई-भाई” का नारा भी लिखा हुआ था।
Congress News: राहुल और प्रियंका की अगुवाई में विरोध
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विपक्षी सांसदों की अगुवाई करते हुए मकर द्वार की सीढ़ियों के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस के अलावा डीएमके, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), वाम दलों और अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल हुए।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और अडाणी के बीच कथित संबंधों को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच होनी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा, “हम अडाणी-मोदी संबंधों की सच्चाई जनता के सामने लाना चाहते हैं।”
नए-नए तरीकों से विरोध
कांग्रेस और विपक्षी दल हर दिन प्रदर्शन के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने काले रंग की जैकेट पहनी थी, जिस पर “मोदी-अडाणी भाई-भाई” का स्टिकर लगा हुआ था। सोमवार को राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गौतम अडाणी के मुखौटे पहने कांग्रेस सांसदों के साथ एक नकली इंटरव्यू कर प्रदर्शन किया था।
अडाणी पर आरोप, Congress की मांग
कांग्रेस और विपक्षी दल अडाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी अदालत में अडाणी समूह पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं, जिनकी जांच जरूरी है। राहुल गांधी ने अडाणी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, “यह मामला देश के लोकतंत्र और पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है।”
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अडाणी ग्रुप ने आरोपों को नकारा
अडाणी समूह ने विपक्षी दलों के आरोपों को “निराधार और झूठा” बताया है। समूह ने कहा कि ये आरोप केवल राजनीतिक लाभ के लिए लगाए जा रहे हैं।
विपक्ष का इरादा स्पष्ट
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल इस मुद्दे को हर हाल में उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हम जनता के लिए लड़ रहे हैं और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती।”
इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल संसद के अंदर बल्कि बाहर भी चर्चा का केंद्र बना दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।