मंईयां सम्मान योजना (JMMSY), जो गरीब और गृहणियों के जीवन में आत्मनिर्भरता और गरिमा लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, झारखंड में एक महत्वपूर्ण पहल बन चुकी है।
इस योजना से हजारों महिलाओं को लाभ पहुंचा है, लेकिन आवेदन प्रक्रिया में हुई त्रुटियों के कारण कई महिलाएं अभी भी इसके लाभ से वंचित हैं।
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मंगलवार को सीपीएम के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस योजना से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। शिष्टमंडल का नेतृत्व सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा कारात ने किया। मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए शिष्टमंडल ने विधानसभा चुनाव में उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना की।
सीपीएम नेता और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि संजय पासवान ने योजना की सराहना करते हुए बताया कि इससे महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता मिली है। लेकिन, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई महिलाओं के आवेदन में प्रज्ञा केंद्रों द्वारा बैंक खाता नंबर या आईएफएससी कोड जैसी त्रुटियां की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, गरीब महिलाएं सुबह से प्रखंड और अंचल कार्यालयों में लाइन लगाकर समाधान के लिए इंतजार करती हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता।
उन्होंने मुख्यमंत्री से विशेष कैंप लगाने की मांग की, ताकि त्रुटिपूर्ण आवेदनों को सुधारा जा सके और अधिक से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके। इस पहल से न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा, बल्कि जरूरतमंद महिलाओं को राहत भी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल की मांगों को गंभीरता से सुनने का आश्वासन दिया और इस दिशा में ठोस कदम उठाने का वादा किया। इससे राज्य की महिलाओं में उम्मीद की एक नई किरण जगी है।