लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “जो कहना है कह लो, जातीय जनगणना कराएंगे और 50% आरक्षण की दीवार तोड़ेंगे।”
राहुल गांधी ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा, “हजार साल पहले जिस प्रकार एकलव्य का अंगूठा काटा गया था, उसी तरह आज केंद्र सरकार गरीबों, युवाओं और कमजोर वर्गों के अधिकार छीन रही है।” उन्होंने केंद्र सरकार पर संविधान की भावना के खिलाफ काम करने और देश के संसाधनों को कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को सौंपने का आरोप लगाया।
Rahul Gandhi ने संविधान पर बीजेपी पर हमला
राहुल गांधी ने बीजेपी की विचारधारा पर निशाना साधते हुए कहा, “विपक्ष संविधान को बचाने की बात करता है, लेकिन भाजपा के लोग 24 घंटे संविधान पर आक्रमण करते रहते हैं।” उन्होंने सावरकर का उल्लेख करते हुए दावा किया कि सत्तापक्ष उन्हीं विचारों का समर्थन करता है, जो संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
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किसानों और गरीबों की अनदेखी का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके हितों को अनदेखा कर कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने हाथरस की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि, “उत्तर प्रदेश में संविधान लागू नहीं हो रहा, बल्कि वहां मनुस्मृति को लागू किया जा रहा है।”
जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताते हुए जोर दिया कि देश के संसाधनों का सही बंटवारा तभी संभव है जब हर वर्ग की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाए। उन्होंने 50% आरक्षण सीमा को असंवैधानिक बताते हुए इसे बदलने की वकालत की। राहुल गांधी के इस बयान ने संसद में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है और विपक्ष ने उनके समर्थन में खड़ा होकर सामाजिक न्याय के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।