नीतीश कुमार की कुर्सी और बिहार की राजनीति, Prashant Kishor के आरोप

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Prashant Kishor, जो वर्तमान में जन सुराज पार्टी के मुखिया हैं, ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है।

पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार के विकास से अधिक अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने की चिंता है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार से बिहार के विकास के लिए कोई ठोस मांग नहीं करते, बल्कि उनका ध्यान केवल राजनीतिक समीकरण और सत्ता बनाए रखने पर है।

भाजपा की मजबूरी: नीतीश कुमार को समर्थन देना

Prashant Kishor ने भाजपा की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुख्य फोकस केंद्र सरकार को बचाने पर है, और यही वजह है कि वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बनाए रखने के लिए मजबूर है। प्रशांत किशोर के अनुसार, भाजपा को बिहार में सत्ता छोड़ने का खतरा है, लेकिन केंद्र में सरकार बचाने के लिए उन्हें यह राजनीतिक समझौता करना पड़ रहा है।

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उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठते हैं, लेकिन बिहार के विकास की कोई चर्चा नहीं करते। “नीतीश कुमार ने कभी यह मांग नहीं की कि बिहार में उद्योग लगें या यहां के लोगों को रोजगार मिले। उनका पूरा ध्यान इस बात पर है कि केंद्र में उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलेगा,” प्रशांत किशोर ने कहा।

बिहार के विकास पर कोई ध्यान नहीं

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बिहार में विकास पूरी तरह से ठप हो गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने लंबे कार्यकाल में कभी बिहार में उद्योग-धंधों की मांग नहीं की। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से यह क्यों नहीं कहा कि बिहार के शहरों में फैक्ट्री लगाई जाए। “गुजरात में फैक्ट्रियां लग रही हैं, लेकिन मोतिहारी, छपरा, या गोपालगंज में क्यों नहीं?” प्रशांत किशोर ने पूछा।

उनके अनुसार, बिहार की जनता नीतीश कुमार के कामकाज से पूरी तरह से असंतुष्ट है। “बिहार के लोग चाहते हैं कि यहां विकास हो, लेकिन नीतीश कुमार केवल अपनी सत्ता बनाए रखने में लगे हुए हैं। इसका असर आगामी चुनावों में साफ दिखेगा,” प्रशांत किशोर ने दावा किया।

नीतीश की राजनीति: सत्ता में बने रहने का खेल

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता से चिपके हुए हैं और कभी खुद से पद छोड़ने का विचार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की राजनीति में भाजपा और नीतीश कुमार का रिश्ता केवल सत्ता का समीकरण है। भाजपा, जो अपने दम पर बिहार में मजबूत स्थिति में नहीं है, नीतीश कुमार के सहारे राज्य में सत्ता में बनी हुई है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “भाजपा की प्राथमिकता दिल्ली है, न कि बिहार। इसलिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखना भाजपा की मजबूरी है। लेकिन इससे बिहार का नुकसान हो रहा है, क्योंकि यहां विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।”

बिहार की जनता के लिए Prashant Kishor का संदेश

प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता से अपील की कि वे विकास के नाम पर वोट करें, न कि राजनीतिक समीकरणों के आधार पर। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को यह समझना होगा कि उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाने वाले नेताओं की जरूरत है। “बिहार में बदलाव तभी आएगा जब जनता राजनीतिक कुचक्र से बाहर निकलेगी और विकास के एजेंडे पर बात करेगी,” उन्होंने कहा।

आने वाले चुनावों में असर

प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की कि आगामी चुनावों में नीतीश कुमार और उनके गठबंधन को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और यह बदलाव तभी संभव होगा जब राजनीति से विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।

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