Bihar में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार ने शिक्षकों को टैबलेट (टैब) देने और छात्रों के लिए डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया है।
यह योजना मार्च 2024 से लागू हो सकती है। इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना और स्कूलों में उपस्थिति को बेहतर ढंग से ट्रैक करना है।
Bihar News: क्या है योजना?
बिहार सरकार की इस योजना के तहत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे। इन टैबलेट्स का उपयोग स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति रिकॉर्ड करने, शिक्षण सामग्री तैयार करने और छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, छात्रों के लिए डिजिटल हाजिरी (बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम) शुरू की जाएगी, ताकि उनकी उपस्थिति का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सके।
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Bihar News: डिजिटल हाजिरी का उद्देश्य
डिजिटल हाजिरी लागू करने का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में उपस्थिति की पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करना है। वर्तमान में मैनुअल हाजिरी में कई प्रकार की गड़बड़ियां देखने को मिलती हैं। नई व्यवस्था से:
- छात्रों और शिक्षकों की सही उपस्थिति का रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
- फर्जी उपस्थिति की समस्या खत्म होगी।
- सरकारी स्कूलों में छात्रों के ड्रॉपआउट रेट को कम करने में मदद मिलेगी।
शिक्षकों को टैबलेट से क्या लाभ होगा?
टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों को डिजिटल साधनों का उपयोग करके पढ़ाने में मदद मिलेगी। यह शिक्षकों को नई और इंटरैक्टिव शिक्षण सामग्री तैयार करने में सक्षम बनाएगा।
- छात्रों के पाठ्यक्रम के लिए डिजिटल नोट्स और वीडियो बनाए जा सकेंगे।
- शिक्षकों को राज्य सरकार से योजनाओं और निर्देशों के बारे में तुरंत जानकारी मिलेगी।
- परीक्षा परिणाम और छात्रों की प्रगति रिपोर्ट को आसानी से रिकॉर्ड और साझा किया जा सकेगा।
सरकार का उद्देश्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह कदम राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया है। सरकार का मानना है कि तकनीक के उपयोग से शिक्षा में सुधार लाया जा सकता है और शिक्षकों को आधुनिक उपकरणों से लैस करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
चुनौतियां और तैयारी
हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं, जैसे:
- टैबलेट के उपयोग को लेकर शिक्षकों को प्रारंभिक प्रशिक्षण देना।
- दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या।
- डिजिटल हाजिरी सिस्टम को लागू करने के लिए पर्याप्त तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना।
सरकार इन सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए योजना की तैयारी कर रही है। शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को डिजिटल उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, और स्कूलों में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है। बिहार सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
डिजिटल हाजिरी और टैबलेट्स के माध्यम से न केवल उपस्थिति को मॉनिटर किया जाएगा, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह बिहार के सरकारी स्कूलों को एक नई दिशा में ले जाएगी और छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने में मददगार साबित होगी।